समीर डार ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद ( Jaish E Mohammed ) के आतंकवादियों के पास सामान्य स्टील से बने ऐसे कारतूस मौजूद हैं जिनसे बख्तरबंद गाड़ियों को भी आसानी से भेदा जा सकता है। सबसे हैरानी की बात यह है कि यह कारतूस पूरी दुनिया में बैन है, केवल चीन ही इन कारतूसों का निर्माण करता है। बताया जा रहा है कि यह कारतूस वहीं से आतंकियों को सप्लाई किया जाता है। उधर, इस खुलासे के बाद कश्मीर में अब तक आतंकियों की गोलीबारी से बचने के लिए बख्तरबंद गाड़ियों और बंकरों का इस्तेमाल करने वाले सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ गई है।
समीर डार ने दिसंबर 2019 में भी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को कश्मीर घाटी में पहुंचाया था। समीर ने बताया कि आतंकवादियों के पास सामान्य बख्तरबंद गाड़ियों को भेदने में सक्षम स्टील के कारतूस सहित भारी मात्रा में गोला-बारूद थे। समीर पुलवामा जिले के काकपोरा इलाके का रहने वाला है। उसे पुलिस ने शुक्रवार को तब पकड़ा था, जब वह जैश आतंकियों द्वारा सुरक्षाबलों पर गोलीबारी के बाद नगरोटा से भाग रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ये बुलेट मुहैया करा रही है। इन स्टील बुलेट को चीन बनाता है और वहीं से इसकी सप्लाइ आईएसआई को होती है। ये स्टील बुलेट इतनी खतरनाक होती हैं कि किसी भी बख्तरबंद वाहन और बंकर को भी भेद सकती हैं। अब जैश-ए-मोहम्मद इन स्टील बुलेट का इस्तेमाल सुरक्षा बलों पर हमले के लिए कर रहा है। जैश के आतंकियों ने 27 दिसंबर 2017 को पहली बार स्टील की बुलेट का इस्तेमाल किया था। आतंकियों के पास स्टील बुलेट की खबर से भारतीय सेना की टेंशन बढ़ गई है। एजेसिंया सुरक्षा को लेकर नई रणनीति बनाने में जुट गई है।