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सरकार का बड़ा फैसला, गुलाम नबी, मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला

locationनई दिल्लीPublished: Oct 29, 2019 02:57:49 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

घाटी के तीन नेताओं के खिलाफ सरकार का बड़ा एक्शन
गुलाम नबी आजाद ने खाली किया सरकारी बंगला

file photo
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से घाटी में सियासत गरमाई हुई है। हालांकि, सूबे में आम पब्लिक के हालात सामान्य हो गए हैं। लेकिन, कई नेता अब भी या तो हिरासत में हैं या फिर नजरबंद हैं। इसी बीच घाटी के तीन दिग्गज नेताओं को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को सरकारी बंगला खाली करना होगा।
जानकारी के मुताबिक, वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता और राज्‍यसभा सदस्‍य गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर के वीवीआईपी जोन में मिला सरकारी बंगला छोड़ना पड़ा है। ये सरकारी बंगले जम्‍मू-कश्‍मीर के सभी पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को ताउम्र रहने के लिए मिला करते थे जिनका किराया भी नहीं लगता था, लेकिन अनुच्‍छेद 370 और 35ए के तहत राज्‍य को मिला विशेष दर्जा हटने के बाद अब चीजें बदल गई हैं। वहीं, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्‍दुल्‍ला को एक नबंवर तक अपना सरकारी बंगाल खाली करना होगा। राज्‍य संपत्ति विभाग ने इन मकानों में मौजूद सरकारी चीजों, मसलन फर्नीचर वगैरह की लिस्‍ट बना ली है। गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला पिछले पांच अगस्त से नजरबंद हैं।
यहां आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर राज्य विधानमंडल सदस्य पेंशन ऐक्‍ट, 1984 के आधार पर पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को ये आजीवन सुविधाएं दी जा रही थीं। साल 1996 के बाद से कई बार इसमें संशोधन करके और सुविधा व सहूलियतें बढ़ाई गई थीं। लेकिन जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन बिल 2019 के लागू होने की तारीख, 1 नवंबर के बाद से ये सारे लाभ मिलना बंद हो जाएंगे। इधर, सरकार के इस फैसले पर सियासत भी गरमा गई है।
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