जम्मू-कश्मीर: पुलिस अधिकारी को याद दिलाया गया PM मोदी के खिलाफ उन्हीं का लिखा पुराना ट्वीट
- सुर्खियों में आए जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) साइबर सेल ( Cyber Cell ) के प्रमुख ताहिर अशरफ
- PM मोदी के खिलाफ लिखे पुराने को ट्वीट को उन्हें याद दिलाया गया
- एक पत्रकार को आतंकवाद-रोधी कानून UAPA के तहत आरोपित किए जाने के बाद मामला गरमाया

नई दिल्ली। एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस ( coronavirus ) की चपेट में हैं। वहीं, दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) से एक ऐसा मामला सामने आया है जो चर्चा का विषय बन चुका है। यहां जम्मू-कश्मीर पुलिस के साइबर सेल ( Cyber Cell ) प्रमुख को पीएम नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) के खिलाफ लिखे उन्हीं का पुराना ट्वीट याद दिलाया गया है। यह काम कोई और नहीं बल्कि एक पत्रकार के द्वारा किया गया है, जिसे सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए आतंकवाद-रोधी कानून UAPA के तहत आरोपित किया गया है।
दरअसल, मंगलवार को फोटो जर्नलिस्ट मसर्रत जहरा ( Masrat Zahra ) को साइबर सेल ने पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के कुछ घंटों बाद ही जहरा ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साइबर सेल के प्रमुख ताहिर अशरफ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरे के दुख पर खुश होने वाला करार देने वाले उनके ही पुराने ट्वीट की याद दिलाई । विवाद के बीच साइबर पुलिस विंग के पुलिस अधीक्षक ताहिर अशरफ को 2013 में पोस्ट किए गए अपने ट्वीट को हटाने के लिए मजबूर किया गया था।
Tahir Ashraf arrest yourself. Your tweet will be threat to national Sovereignty. @Sheikhzahid402 @FaisalMajeed0 pic.twitter.com/sG7zaeetyH
— MUSAIB BIN UMEYR (@MusaibUmeyr) April 21, 2020
अपने उस ट्वीट में इस पुलिस अधिकारी ने 2002 के गुजरात दंगों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान कि एक कुत्ते का बच्चा भी कार के नीचे आता है तो उन्हें दुख होता है पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। अशरफ ने ट्वीट किया कि 2002 के दंगों पर नरेंद्र मोदी का यह बयान उनके वास्तविक चरित्र को दर्शाता है। पुराना ट्वीट अचानक मंगलवार को चर्चा में आया क्योंकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक 26 वर्षीय महिला फोटो जर्नलिस्ट पर उसके सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए कठोर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत आरोपित किया है। यहां आपको बता दें कि साल 2014 में पार्टी के सत्ता में आने से पहले भाजपा और हिंदुत्व के बारे में उनके विवादित ट्वीट्स के लिए अधिकारी को आलोचना का शिकार भी बनना पड़ा था।
गौरतलब है कि मंगलवार को फोटो जर्नलिस्ट मसर्रत जहरा को पुलिस के साइबर सेल द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इन्हें सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए UAPA के तहत आरोपित किया गया है, जिसे पुलिस राष्ट्र-विरोधी कहती है। ट्विटर पर इस पूरे मामले को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है।
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