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झारखंड में 11 पान मसाला कंपनियों को झटका, एक साल का लगाया गया प्रतिबंध

Published: May 09, 2020 01:22:42 pm

Submitted by:

Soma Roy

Jharkhand bans Pan Masala : 41 जिलों से पान-मसाले के नमूने लिए गए थे, जिसमें हानिकारक तत्व पाए गए
पान मसाले में मौजूद मैग्निशियम कार्बोनेट ह्दय रोग का कारण बन सकता है

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Jharkhand bans Pan Masala

नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के दौरान जहां पहले से ही कई राज्यों में गुटखा और पान मसाला (Pan Masala Brands) की बिक्री पर रोक थी। वहीं अब झारखंड (Jharkhand) सरकार ने 11 पान मसाला कंपनियों पर पर शुक्रवार को पूर्ण प्रतिबंध (Banned) लगा दिया है। खाद्य संरक्षा आयुक्त ने 12 महीने के लिए इन्हें बैन किया है। इन्हें स्वास्थ मानकों के अनुसार खतरनाक पाया गया है।
बताया जाता है कि विभिन्न जिलों से 41 पान मसाला के नमूनों की जांच की गई थी। जिसमें मैग्निशियम कार्बोनेट की मात्रा ज्यादा पाई गई। जबकि फ़ूड सेफ्टी एक्ट 2006 में दिए गए मानक के मुताबिक मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाया जाना प्रतिबंधित है। जन स्वास्थ्य के हित को ध्यान में रखते हुए पान मसाला कंपनियों को बैन किया गया है। प्रतिबंधित कंपनियों में (रजनीगंधा, विमल, शिखर, पान पराग, दिलरुबा, राजनिवास, सोहरत, मुसाफिर, मधु, बहार, पान पराग प्रीमियम) ब्रांड्स शामिल हैं।
कंपनियों पर रोक के निर्देश मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में दिये गए। जिसके तहत खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के 11 ब्रांडों के पान मसाला पर प्रतिबंध लगा दिया।जांच में पाया गया कि मैग्निशियम कार्बोनेट से हृदय की बीमारी सहित दूसरी कई गंभीर बीमारियों का खतरा है।
झारखंड में तम्बाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोग संस्थान सोसिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलोपमेन्ट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र के मुताबिक पान GATS 2 के तहत एक सर्वे किया गया था। जिसमें झारखंड में तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों का प्रतिशत 38.9% मिला। चबाने वाले तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5% है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा है।
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