भविष्य के लिए दी गई है सख्त चेतावनी
विश्वविद्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, ”कैंपस में इस तरह की हरकत ‘अनुशासनहीनता’ को पैदा करती है” यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर कौशल कुमार ने कहा, ‘प्रॉक्टोरियल जांच में आपको प्रशासनिक ब्लॉक के पास बिरयानी पकाने और खाने का दोषी माना जाता है”। इसमें इस तरह के कार्य को गंभीर प्रकृति का बताते हुए सख्त कार्रवाई की बात कही गयी है। कौशल कुमार ने कहा कि इन छात्रों ने कैंपस में बिरयानी पकाकर खाना नियमों के उल्लंघन के तहत है।
विश्वविद्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, ”कैंपस में इस तरह की हरकत ‘अनुशासनहीनता’ को पैदा करती है” यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर कौशल कुमार ने कहा, ‘प्रॉक्टोरियल जांच में आपको प्रशासनिक ब्लॉक के पास बिरयानी पकाने और खाने का दोषी माना जाता है”। इसमें इस तरह के कार्य को गंभीर प्रकृति का बताते हुए सख्त कार्रवाई की बात कही गयी है। कौशल कुमार ने कहा कि इन छात्रों ने कैंपस में बिरयानी पकाकर खाना नियमों के उल्लंघन के तहत है।
इन छात्रों पर लगाया गया जुर्माना
इसके अलावा यूनिवर्सिटी की तरफ से भविष्य में इस तरह की हरकत को न दोहरानी की भी हिदायत दी गई है। साथ ही कहा है कि अगर 10 दिन के अंदर फाइन नहीं भरा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें छेपल शेरपा, आमिर मलिक और मनीष कुमार का नाम शामिल है। इनपर 6000 रुपए का जुर्माना लगाया है। इनके अलावा छात्र संगठन में जनरल सेक्रेटरी सतरूपा चक्रवर्ती पर 10 हजार रुपए का जुर्माना ठोका गया है।
इसके अलावा यूनिवर्सिटी की तरफ से भविष्य में इस तरह की हरकत को न दोहरानी की भी हिदायत दी गई है। साथ ही कहा है कि अगर 10 दिन के अंदर फाइन नहीं भरा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें छेपल शेरपा, आमिर मलिक और मनीष कुमार का नाम शामिल है। इनपर 6000 रुपए का जुर्माना लगाया है। इनके अलावा छात्र संगठन में जनरल सेक्रेटरी सतरूपा चक्रवर्ती पर 10 हजार रुपए का जुर्माना ठोका गया है।
‘100 मीटर तक कैंपस में नहीं कर सकते विरोध’ आपको बता दें कि जनरल सेक्रेटरी सतरूपा पहले से ही एक मामले में दंडित हो चुकी हैं। उनपर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, एडमिनिस्ट्रेशन और प्रोफेसर अतुल जोहरी के खिलाफ वीसी दफ्तर पर विरोध प्रदर्शन करने का आरोप था। सतरूपा ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद जेएनयू परिसर के 100 मीटर के अंदर किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन बैन किया गया है।