यही नहीं कई डॉक्टर, वैज्ञानिक इस जानलेवा वाययरस से बचाव को लेकर इलाज ढूंढने में जुटे हुए हैं। इस बीच दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्याल ( JNU ) के प्रोफेसर ने दावा किया है कि BCG वैक्सीनेशन कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार साबित हो सकता है।
जिंदा ही नहीं मरने वालों को भी है लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार, जानिए क्या है पूरा मामला JNU में स्पेशल सेंटर के मॉलिक्यूलर मेडिसिन के प्रोफेसर गोबरधन दास ने कहा है कि बड़े पैमाने पर बीसीजी (बैसिलस कैलमेट गुयरिन ) टीकाकरण वाले देशों में दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में कोरोना वायरस से बेहतर प्रतिरोध होने की संभावना है। दरअसल बीसीजी टीका का इस्तेमाल ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) की बीमारी से बचाने के लिए किया जाता है।
प्रोफेसर के मुताबिक कोरोना वायरस के लिए हमारे पास वर्तमान में टीका नहीं है, लेकिन कुछ लोग बीसीजी के साथ काम कर रहे हैं और इसके सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं। उन्होंने कहा कि स्पेन जैसे देशों में जहां टीकाकरण नहीं होता वहां, कोरोना वायरस से मरने वालों की दर ज्यादा है, जबकि पुर्तगाल में जहां टीकाकरण होता है, वहां मृत्यु दर काफी कम है।
प्रोफेसर दास के मुताबिक वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को कोरोना वायरस के लिए दवा और वैक्सीन की खोज करने में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भले ही वैक्सीन खोजने में तीन से चार महीने लग जाए।
लालू यादव की जेल से बाहर आने की उम्मीदों पर फिरा पानी, लगा बड़ा झटका उन्होंने कहा कि भारत इस बीमारी के प्रसार को रोकने में अन्य देशों की तुलना में बहुत बेहतर कर रहा है। मोदी सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से प्रसार को रोकने में मदद मिली है।