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JNU छात्रों के नक्सलियों से संबंध! 4 नामों का हुआ खुलासा

Published: Feb 16, 2016 04:54:00 pm

नक्सलियों से संबध का शक उमर खालिद, अनिरबन भट्टाचार्य, रियाजुल हक और रुबीना सैफी पर जताया गया है

jnu dispute

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नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में देशविरोधी नारे लगाने की जांच में नक्सली कनेक्शन भी जुड़ गया है। एक निजी न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि खुफिया एजेंसियों को शक है कि 9 फरवरी को जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाने वाले 4 छात्रों के संबंध नक्सलियों से हैं। चैनल के मुताबिक, नक्सलियों से संबध का शक उमर खालिद, अनिरबन भट्टाचार्य, रियाजुल हक और रुबीना सैफी पर जताया गया है।

नक्सल कनेक्शन के आरोपी चारों छात्र जेएनयू में सक्रिय संगठन डीएसयू से जुड़े हैं। यह संगठन सीपीआई-एम का स्टूडेंट विंग माना जाता है और ऑल इंडिया रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट फेडेरेशन का हिस्सा माना जाता है। यह छात्रों का ऐसा संगठन है जो नक्सली गतिविधियों में वैचारिक योगदान देता है। गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने भी चैनल से बातचीत में डीएसयू के नक्सलियों से संबंध होने के बारे में सबूतों की बात कही है। जेएनयू की स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने कैंपस में घुसने से पहले इजाजत ली थी।

जीएन साईंबाबा के संपर्क में थे आरोपी 
एक निजी चैनल से बातचीत में खुफिया एजेंसियों ने बताया कि ये चारों छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जीएन साईबाबा के निर्देशों पर काम करते थे, जो फिलहाल नक्सलियों से लिंक होने के आरोप में नागपुर जेल में बंद हैं। चर्चित लेखिका अरुंधती रॉय प्रोफेसर साईबाबा के समर्थन में बड़े स्तर पर आंदोलन चला रही हैं। वहीं, साईंबाबा की गिरफ्तारी के बाद डीएसयू को अंबेडकर कॉलेज की एक महिला प्रोफेसर लीड कर रही हैं।

सोशल मीडिया में वायरल हुआ था वीडियो 
बीते हफ्ते के मंगलवार को शाम छह बजे जेएनयू के गंगा ढाबा पर उमर खालिद ने एक सभा को संबोधित किया था और लगातार देश विरोधी नारे लगाए थे। उसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसके बाद विवाद उठा। डीएसयू पहले भी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। बीते साल ताप्ती हॉस्टल के मेस में मीटिंग हुई थी, जिसका एबीवीपी ने विरोध किया था।

उमर खालिद ने दी थी एप्लीकेशन 
सूत्रों के अनुसार, उमर खालिद ने जेएनयू प्रशासन को एप्लीकेशन देकर 9 फरवरी की शाम कल्चरल ईवनिंग की अनुमति मांगी थी। जिसे जेएनयू प्रशासन ने मान लिया था। इसके बाद पूरे कैंपस में कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पोस्टर लगाए गए थे। हालांकि कार्यक्रम शुरू होने के 15 मिनट पहले अनुमति रद्द कर दी गई। ऐसा एबीवीपी की ओर से शिकायत किए जाने के बाद हुआ। कार्यक्रम न हो इसके लिए बिजली की सप्लाई रोक दी गई, लेकिन डीएसयू ने अंधेरे में ही कार्यक्रम जारी रखा।
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