उठाए सामाजिक मुद्दे
डिबेट के दौरान निधि ने कहा कि वामपंथी लोग पाकिस्तान-फलस्तीन की बात तो करते हैं लेकिन जेएनयू के मुद्दों पर चुप्पी साध लेते हैं। यही नहीं जब भारतीय कंपनियां प्लेसमेंट के लिए कैंपस आती हैं तो ये उसका भी विरोध करते हैं। दूसरी ओर बापसा से अध्यक्ष पद की उम्मीदार शबाना अली ने वाम संगठनों पर निशाना साधा और कहा कि इनके दोहरे मानडंड हैं। इसके साथ ही आइसा, एसएफआई व डीएसएफ गठबंधन की ओर से अध्यक्ष पद पर ताल ठोक रही गीता कुमारी ने लंकेश की हत्या और रोहंगिया मुसलमानों के मुद्दे पर अपने विचार रखे। इसके साथ ही उन्होंने यूजीसी सीट कट का भी मुद्दा भी जोरशोर से उठाया। बता दें कि जेएनयू में 8 सितंबर को छात्रसंघ चुनावों का आयोजन होना है, जबकि 11 सितंबर को चुनाव के नतीजे घोषित होने हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त भगत सिंह ने चुनाव का पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है।
किया शक्ति प्रदर्शन
डिबेट से पहले एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद), बापसा (बिरसा-अंबेडकर-फूले स्टूडेंट एसोसिएशन), आइसा, एसएफआई व डीएसएफ गठबंधन, एआईएसएफ (ऑल इंडिया स्टूडेंट्सफेडरेशन) और एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) की ओर से शक्ति प्रदर्शन किया किया। एआईएसएफ की उम्मीदवार व एन्नी राजा और डी राजा की बेटी अपराजिता राजा ने कहा कि पूरी दुनिया में फांसीवादी ताकतें हावी हैं। उन्होंने कहा कि कितने शर्म की बात है कि आजादी के 70 साल बाद भी देश में बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हो रहा है।