जानकारी के मुातबिक, जेएनयू ( JNU ) वीसी की ओर से जो पांच सदस्सीय कमिटी बनाई गई है, उनमें प्रोफेसर सुशांत मिश्रा, प्रोफेसर मजहर आसिफ, प्रोफेसर सुधीर प्रताप सिंह, प्रोफेसर संतोष शुक्ला और डॉक्टर भषवती दास शामिल हैं। इस कमेटी को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमिटी ने अपना काम शुरू कर दिया है और अब देखना यह है कि रिपोर्ट कब तक सौंपती है। वहीं, इस हिंसा के इतने दिन बीत जाने के बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। हालांकि, JNUSU अध्यक्ष समेत 20 लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईर दर्ज कर ली है और क्राइम ब्रांच की टीम घटना की छानबीन कर रही है।
इधर, पुलिस की इस नाकामी को लेकर आज यानी गुरुवार को जेएनयू के छात्र और शिक्षकों का एक गुट मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च कर रहा है। सिर्फ जेएनयू ही नहीं बल्कि देश के अन्य यूनिवर्सिटी में भी विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं। छात्रों और शिक्षकों के दल ने मंडी हाउस से सुबह 11 बजे मार्च निकाला। छात्र और शिक्षक जेएनयू के वीसी को हटाने की मांग भी कर रहे हैं। दूसरी ओर, जेएनयू कैंपस में हिंसा के गुनहगारों की अब तक गिरफ्तारी ना होने से दिल्ली पुलिस की भारी किरकिरी हो रही है। सवाल उठ रहे हैं कि नकाबपोश कौन थे, कैसे यूनिवर्सिटी में दाखिल हुए, पुलिस अहम सुराग हाथ लगने का दावा तो करती है लेकिन 4 दिन बाद भी हमलावरों की पहचान ना होना इसका सबूत है कि उनके दावे सिर्फ दावे हैं। अब सबको इंताजर है कि आखिर तक इस मामले का खुलासा कब तक होता है और दोषियों की गिरफ्तारी कब तक होती है?