सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो जांच
विपक्षी नेताओं के दल ने राष्ट्रपति से मांग कि की इसकी जांच मौजूदा सुप्रीम कोर्ट के जज की अगुआई में एसआईटी से कराई जाए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, पी चिदंबरम, सीपीएम के डी राजा, टीएमसी के इदरिश अली, मनीष गुप्ता, संजय सिंह और बजरुद्दीन अजमल आदि अलग-अलग दल के नेता शुक्रवार को इस आशय का ज्ञापन सौंपने राष्ट्रपति भवन पहुंचे।
विपक्षी नेताओं के दल ने राष्ट्रपति से मांग कि की इसकी जांच मौजूदा सुप्रीम कोर्ट के जज की अगुआई में एसआईटी से कराई जाए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, पी चिदंबरम, सीपीएम के डी राजा, टीएमसी के इदरिश अली, मनीष गुप्ता, संजय सिंह और बजरुद्दीन अजमल आदि अलग-अलग दल के नेता शुक्रवार को इस आशय का ज्ञापन सौंपने राष्ट्रपति भवन पहुंचे।
15 दलों के करीब 115 सांसदों ने किया है हस्ताक्षर
मिली खबर के अनुसार, राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन पर 15 दलों के करीब 115 सांसदों हस्ताक्षर किए हैं। ज्ञापन सौंपने की वजह यह है कि कई सांसदों को शक है कि जज लोया की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई।
मिली खबर के अनुसार, राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन पर 15 दलों के करीब 115 सांसदों हस्ताक्षर किए हैं। ज्ञापन सौंपने की वजह यह है कि कई सांसदों को शक है कि जज लोया की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई।
कपिल सिब्बल ने कहा, सीबीआई पर भरोसा नहीं
इस मौके पर कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें सीबीआई की जांच पर भरोसा नहीं है, इसलिए एसआईटी जांच की मांग की गई है। मालूम हो कि इससे पहले भी विपक्षी पार्टियां जज लोया की मौत पर निष्पक्ष जांच की मांग कर चुकी हैं। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच कर रही है।
लोया की बहन ने जताया था सबसे पहले शक
सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने से हो गई थी। तब वे अपने दोस्त की बेटी की शादी में जा रहे थे। हालांकि पिछले साल नवंबर में लोया बहन ने सबसे पहले उनकी मौत के हालात पर शक जाहिर किया था। इसके बाद उनकी हत्या के तार सोहराबुद्दीन एनकाउंटर की जांच से जोड़ा जा रहा है। परिवार ने दावा किया था कि उन्हें 100 करोड़ रुपए की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी।
इस मौके पर कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें सीबीआई की जांच पर भरोसा नहीं है, इसलिए एसआईटी जांच की मांग की गई है। मालूम हो कि इससे पहले भी विपक्षी पार्टियां जज लोया की मौत पर निष्पक्ष जांच की मांग कर चुकी हैं। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच कर रही है।
लोया की बहन ने जताया था सबसे पहले शक
सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने से हो गई थी। तब वे अपने दोस्त की बेटी की शादी में जा रहे थे। हालांकि पिछले साल नवंबर में लोया बहन ने सबसे पहले उनकी मौत के हालात पर शक जाहिर किया था। इसके बाद उनकी हत्या के तार सोहराबुद्दीन एनकाउंटर की जांच से जोड़ा जा रहा है। परिवार ने दावा किया था कि उन्हें 100 करोड़ रुपए की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी।