क्या है मामला?
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ की वरिष्ठता घटा दी है। सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए तीन जजों की लिस्ट में जोसेफ का नाम तीसरे नंबर पर है। केंद्र के इस कदम से कॉलेजिमय में शामिल कुछ सदस्यों समेत सुप्रीम कोर्ट के कई जज नाराज हैं। इसी मसले को लेकर आज नाराज जज सीजेआई से मुलाकात कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के कुछ सदस्यों ने भी कहा कि वे इस मुद्दे पर बात करेंगे।
जस्टिस जोसेफ बनने जा रहे हैं मुख्य न्यायाधीश
सरकार ने हाल ही में उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नति को मंजूर कर लिया है। जस्टिस जोसेफ को प्रोन्नत करने की दूसरी बार भेजी गई कॉलेजियम की सिफारिश सरकार ने स्वीकार कर ली है।इसके अलावा सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विनीत शरण को भी सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने की कॉलेजियम की सिफारिश मान ली है। इन तीन नए न्यायाधीशों के आने के बाद सुप्रीम कोर्ट मे कुल न्यायाधीशों की संख्या 25 हो जाएगी। कानून के जानकारों के मुताबिक यदि किसी जज का नाम कॉलेजियम की तरफ से पुनर्विचार के लिए भेजा जाए तो सरकार के लिए उनकी नियुक्ति करना बाध्यकारी हो जाता है। सरकार ऐसे में जस्टिस जोसेफ का सुप्रीम कोर्ट में आना लगभग तय हो गया है। शीर्ष अदालतों में जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 1993 और 1998 में दिशानिर्देश दिए थे, जिनका पालन करना जरूरी है।