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रोस्टर मामले में जस्टिस चेलमेश्वर ने सुनवाई से किया इनकार, बोले नहीं चाहते 24 घंटे में बदल जाए फैसला

locationनई दिल्लीPublished: Apr 12, 2018 01:17:36 pm

Submitted by:

Anil Kumar

जस्टिस चेलमेश्वर ने रोस्टर मामले में सुनवाई से इनकार करते हुए कहा ‘मैं दो माह बाद रिटायर हो रहा हूं और आगे देश स्वयं ही फैसला कर लेगा।’

justice chemleshwar

नई दिल्ली । चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के मास्टर ऑफ रोस्टर के मामले में जस्टिस चेलमेश्वर ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा “वह नहीं चाहते हैं कि 24 घंटे के अंदर ही उनका आदेश पलट दिया जाए।” बता दें कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के मास्टर ऑफ रोस्टर के मुद्दे पर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने याचिका दायर की थी।

22 जून को रिटायर होंगे जस्टिस चेलमेश्वर

जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा ‘मैं दो माह बाद रिटायर हो रहा हूं और आगे देश स्वयं ही फैसला कर लेगा।’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस चेलमेश्वर चीफ जस्टिस के बाद सबसे सीनियर जज हैं। आपको बता दें कि जस्टिस चेलमेश्वर 22 जून को रिटायर हो रहे हैं तो वहीं दीपक मिश्रा अक्टूबर के महीने में रिटायर होंगे।

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देश स्वयं इसका फैसला कर लेगा : जस्टिस चेलमेश्वर

कोर्ट में याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि मेरे रिटायर होने के बाद देश स्वयं ही फैसला कर लेगा। मेरे लिए यह कहा जा रहा है कि मैं किसी ऑफिस को हथियाने के लिए ये सब कर रहा हूं। यदि किसी को चिंता नहीं है तो मैं भी ज्यादा चिंता नहीं करूंगा। देश के इतिहास को देखते हुए मैं जाहिर तौर पर इस मामले को नहीं सुनूंगा।

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प्रशांत भूषण ने दायर की थी याचिका

गौरतलब है कि वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस चेलमेश्वर के सामने शांति भूषण की याचिका को जोड़ते हुए कहा कि उन्होंने चीफ जस्टिस के मास्टर ऑफ रोस्टर को चुनौती दी है। इसमें कहा गया है कि केसों के आवंटन का काम कॉलेजियम के जजों को करना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का डायरी नंबर नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई वरिष्ठ जजों को ही करनी चाहिए।
बता दें कि जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि ये देश की दिक्कत है और आगे देश को ही इसका हल निकालना होगा। इस दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि ये असाधारण परिस्थिति है और असाधारण मामला भी है। इसलिए आपको (जस्टिस चेलमेश्वर) इस मामले में दखल देनी ही होगी और तीन वरिष्ठ जजों से भी बात की जा सकती है।

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जस्टिस कुरियन ने भी उठाए सवाल

गौरतलब है कि गुरुवार की सुबह जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भी सीजेआई को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। अपने पत्र में उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का अस्तित्व खतरे में है। यदि जजों की नियुक्ति के मामले में सरकार की चुप्पी पर कोर्ट कुछ नहीं करता है तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा।

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