scriptराम मंदिर को लेकर पूर्व जस्टिस चेलमेश्वर का बड़ा बयान, कहा- संसद में बनाया जा सकता है कानून | Justice Chelleshwar's big statement about Ram temple, said - law can be made in Parliament | Patrika News

राम मंदिर को लेकर पूर्व जस्टिस चेलमेश्वर का बड़ा बयान, कहा- संसद में बनाया जा सकता है कानून

locationनई दिल्लीPublished: Nov 03, 2018 08:21:44 pm

Submitted by:

Anil Kumar

राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर की ओर से एक बड़ा चौंकाने वाला बयान आया है।

राम मंदिर को लेकर पूर्व जस्टिस चेलमेश्वर का बड़ा बयान, कहा- संसद में बनाया जा सकता है कानून

राम मंदिर को लेकर जस्टिस चेलमेश्वर का बड़ा बयान, कहा- संसद में बनाया जा सकता है कानून

नई दिल्ली। राम मंदिर निर्माण को लेकर देशभर के साधु-संत और तमाम हिन्दू संगठन मोदी सरकार पर दबाव बना रहे हैं। तमाम संगठन और लोग मोदी सरकार से मांग कर रहे हैं कि संसद में अध्यादेश या बिल लाकर मंदिर निर्माण के लिए रास्ता प्रश्सत करें। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस बाबत कहा है कि अब समय आ गया कि सरकार संसद में कानून बनाए और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कराने के लिए रास्ता साफ करे। उन्होंने कहा था कि न्यायालय से न्याय मिलने में देरी हो रही है और सभी यह चाहते हैं कि राम मंदिर बने। बता दें कि अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर की ओर से एक बड़ा चौंकाने वाला बयान आया है। जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा है कि यदि मोदी सरकार चाहे तो कानून बना सकती है, भले ही अदालत में मामला लंबित है।

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एक कार्यक्रम में बोलते हुए जस्टिस चेलमेश्वर ने कही यह बात

आपको बता दें कि जस्टिस चेलमेश्वर ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस की एक परिचर्चा सत्र के दौरान ये बातें कही। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद भी सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सकती है। जस्टिस चेलमेश्वर ने आगे कहा कि विधायी प्रक्रिया की ओर से अदालती फैसलों में अवरोध पैदा करने के कई उदाहरण पहले भी रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार संसद में राम मंदिर के लिए कानून पारित कर सकती है। बता दें कि जस्टिस चेलमेश्वर से दो सवाल पूछे गए- पहला यह कि क्या उनसे पूछा गया कि क्या कानूनी तौर पर यह हो सकता है (या नहीं) और दूसरा यह है कि यह होगा (या नहीं)? इस पर उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि पहले भी इस तरह के कई मामले हो चुके हैं। चेलमेश्वर ने कावेरी जल विवाद का उदाहरण देते हुए कहा कि कर्नाटक विधानसभा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलट दिया और कानून बनाया। उन्होंने कहा कि देश को इस मामले में बहुत पहले ही सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए था। हालांकि अब यह संभव है क्योंकि हमने पहले इस तरह के मामलों पर रोक नहीं लगाई है।

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