क्या करेगा कोलेजियम चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की अगुआई में आज होने वाली कोलेजियम की बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आज कोलेजियम उन विकल्पों पर विचार करेगा जिससे जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में लाया जा सके। अगर कोलेजियम ने आज फिर से केंद्र सरकार को अपनी पुरानी सिफारिश भेज दी तो केंद्र जस्टिस जोसफ को सुप्रीम कोर्ट लाने के लिए बाध्य हो जाएगा। कोलेजियम ने जस्टिस जोसेफ के साथ वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश 10 जनवरी को की थी। 26 अप्रैल को केंद्र ने इंदु मल्होत्रा को तो सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में स्वीकार कर लिया था लेकिन जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने से इन्कार कर दिया था।
क्या थी जस्टिस जोसफ को नकारने की असली वजह केंद्र सरकार का कहना था कि केरल से एक जस्टिस पहले ही सुप्रीम कोर्ट में मौजूद हैं। अगर जस्टिस जोसफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया थो इससे सुप्रीम कोर्ट में राज्यों का प्रतिनिधित्व बिगड़ सकता है। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद की तरफ से भेजे गए जवाब में इसके लिए तकनीकी कारण भी गिनाए गए थे। इनमें कहा गया था कि जोसेफ केरल से आते हैं और सुप्रीम कोर्ट में इस राज्य का प्रतिनिधित्व पहले ही ज्यादा है। दूसरा तर्क था कि वरिष्ठता सूची में जोसेफ 45 वें नंबर पर हैं।जबकि जानकारों का कहना है कि इस मामले में कोलेजियम की सिफारिश न मानकर केंद्र ने जस्टिस जोसफ से बदला निकाला है। बता दें कि जस्टिस जोसेफ ने ही 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने का केंद्र का आदेश अवैध घोषित किया था।