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जस्टिस कुरियन बोले, न्यायपालिका और इंसाफ के लिए उठाई आवाज

locationनई दिल्लीPublished: Jan 13, 2018 05:25:07 pm

Submitted by:

Prashant Jha

जजों की प्रेस कांफ्रेंस के बाद अब सुलह की कोशिशें सरकार के स्तर पर तेज होती दिख रही हैं।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाले 4 वरिष्ठ जजों में से एक जस्टिस कुरियन जोसेफ ने शनिवार को कहा कि उन्होंने न्यायपालिका और इंसाफ के हित के लिए यह आवाज उठाई। जस्टिस जोसेफ ने भरोसा जताया है कि वे लोग जल्द इस मामले को सुलझा लेंगे। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि हम सभी न्याय और न्यायपालिका के पक्ष में हम खड़े हुए। यही बात शुक्रवार को नई दिल्ली में हमने कही। इसके अलावा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि एक मुद्दे की ओर ध्यान दिलाया गया है। निश्चित तौर पर जल्द ही यह मुद्दा सुलझ जाएगा। न्यायाधीशों ने न्यायपालिका में लोगों का भरोसा जीतने के लिए यह किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि उन लोगों के इस कदम से सुप्रीम कोर्ट की प्रशासनिक कार्यशैली में ज्यादा पारदर्शिता आएगी।
सरकार की कवायद तेज
जजों की प्रेस कांफ्रेंस के बाद अब सुलह की कोशिशें सरकार के स्तर पर तेज होती दिख रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा से मुलाकात करने की कोशिश की, मगर दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी। नृपेंद्र मिश्र करीब 5 मिनट तक चीफ जस्टिस के आवास के बाहर खड़े रहे, लेकिन मीटिंग नहीं हो सकी। वहीं दूसरी ओर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने फिर कहा कि उम्मीद है कि पूरा मामला सही ढंग से निपट जाएगा।

सिन्हा बोले, मंत्रियों को निडर होकर बोलना चाहिए
जजों की प्रेस कांफ्रेंस के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने शनिवार को कहा कि जजों की तरह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रियों को भी लोकतंत्र के लिए डर से परे होकर बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं और कैबिनेट में शामिल मंत्रियों को भी लोकतंत्र के लिए आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने जजों के बयान का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा हालात आपातकाल जैसे हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर संसद के कामकाज से समझौता हो रहा है और सुप्रीम कोर्ट का काम सही से नहीं चल पा रहा है तो लोकतंत्र खतरे में है।

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उद्धव बोले, सभी स्तंभ स्वतंत्र रहें
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने भी मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जो भी हुआ, वह परेशान करने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सकती है, लेकिन हमें यह भी सोचना होगा कि उन्हें ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ा। लोकतंत्र के चारों स्तंभों को स्वंतत्रता से खड़ा रहना चाहिए, एक-दूसरे पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

यह है मामला
देश के लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश की कार्यशैली पर असंतोष जताने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलाई। जिन चार जजों ने यह कांफ्रेंस बुलाई, उसमें जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल रहे। ये प्रेस कांफ्रेंस जस्टिस चेलमेश्वर के घर पर बुलाई गई थी।

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