भारत-चीन की सेनाओं के बीच बढ़ते तनाव की वजह से सिक्किम के नाथू ला पास से मानसरोवर यात्रा को रोक दिया गया है।
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के चलते कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रभावित हो रही है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच बढ़ते तनाव की वजह से सिक्किम के नाथू ला पास से मानसरोवर यात्रा को रोक दिया गया है। यात्रा रोके जाने से करीब 800 यात्री वापस लौटने को मजबूर हैं। मामले में सेना के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि चीनी सैनिकों ने डोका ला इलाके में भारतीय सीमा में घुसपैठ की है। चेतावनी के बाद भी चीनी सैनिक वापस नहीं लौट रहे, जिस वजह से सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। जिस पर भारत सरकार ने फैसला लिया है कि जब तक दोनों देशों के बीच सीमा विवाद नहीं सुलझ जाता तब तक सिक्किम के नाथू ला पास से कोई भी यात्री कैलाश मानसरोवर के लिए नहीं जाएंगे। वहीं उत्तराखंड के लिपूलेख दर्रे से रास्ते से यात्रा जारी है।
चीनी को सबक सिखान के लिए तीन हजार सैनिक तैनात
भारतीय सेना चीन की घुसपैठ को गंभीरता से ले रही है। सीमा पर उपजे हालात के चलते सेना प्रमुख ने तीन हजार जवानों को विवादित इलाके में भेजा है। वहीं चीन ने भी विवादित क्षेत्र में तीन हजार जवानों की तैनाती कर दी है। आर्मी चीफ जनरव बिपिन रावत ने भी गुरुवार को गंगटोक स्थित 17 माउंटेन डिवीजन और कलमिपोंग स्थित 27 माउंटेन डिवीजन का दौरा का हालात की समीक्षा की थी।
तनाव की मुख्य वजह है चिकन नेक
चीन, भारत को इस क्षेत्र में घेरना चाहता है। इसलिए वह सिक्किम-भूटान और तिब्बत के मिलन बिंदु स्थल (डोका ला) तक एक सड़क का निर्माण करने की कोशिश कर रहा है जिस पर भारत को आपत्ति है। इस सड़क का निर्माण वह भूटान के डोकलाम पठार में कर रहा है, लेकिन इस पर अधिकार को लेकर चीन और भूटान के बीच विवाद है। वहीं चीन इस क्षेत्र को डोंगलांग कहता है और प्राचीन काल से अपना हिस्सा बताता है। वहीं विशेषज्ञों की राय के अनुसार चीन की मंशा डोकलाम से डोका ला तक सड़क निर्माण कर दक्षिण तिब्बत में स्थित चुंबी घाटी तक अपनी पैठ को बढ़ाना चाहता है।