नई दिल्ली। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने करगिल में पाक घुसपैठियों को खदेड़कर बाहर कर दिया था। जीत तो मिली, साथ में सबक भी मिले। हमने खुद को बदला, नीतियां बदलीं। अब देखो, ठहरो, समझो के बजाए हमारी रणनीति में आक्रामकता आई। फर्क सभी ने महसूस किया।
18 साल पहले का वो संघर्ष और हमने किए ये दस बदलाव
तेवर : सर्जिकल स्ट्राइक
पिछले वर्ष 18 सितंबर को उरी हमले के जवाब में 28-29 सितंबर को भारतीय सेना के जवानों की ओर से पाकिस्तान में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक। सेना ने पाक की धरती में कई आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए।
दृढ़ता : डोकलाम पर टकराव
चीन के साथ पिछले पांच दशकों में एक दो घटनाओं को छोड़ स्थिति शांतिपूर्ण रही है। डोकलाम पर चीन की प्रतिक्रिया बहुत आक्रामक रही है तो भारत भी अपने रुख पर कायम रहा।
छुटकारा : लाल फीताशाही
देश के लिए रक्षा उपकरणों और हथियारों की खरीद के लिए रक्षा खरीद नीति २०१६। लाल-टेप और लंबी हवादार हथियार खरीद प्रक्रियाओं में कटौती। रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश को मंजूरी दी है। मेक इन इंडिया पर जोर।
तैयारी : सेना को खरीद की छूट
20,000 करोड़ तक के सौदे फास्ट ट्रैक प्रक्रिया से करने के लिए अधिकृत तीनों सेना।
रक्षा क्षेत्र में गोला-बारूद के आपातकालीन स्टॉक खरीदने के लिए सशक्त किया।
बढ़ोतरी : रक्षा बजट में
-12.78% रक्षा क्षेत्र को आवंटित किया गया है कुल बजट का
– रक्षा बजट में 10 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ोतरी। रक्षा क्षेत्र में 2.74 लाख करोड़ रुपये आवंटित।
शक्ति: निगरानी से हमले तक
निगरानी : अत्याधुनिक अवॉक्स विमान,
सुरक्षा : बुलेट प्रुफ जैकेट और अत्याधुनिक हेलमेट
जवाबी हमला : धनुष, मिग-21, विश्वस्तरीय पनडुब्बी अरिहंत, तेजस विमान
-खरीदे 36 राफेल विमान
-145 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर
मनोबल : सेना को फ्री हैंड
पहले आतंकी हमले पर सैनिकों की सोच रक्षात्मक होती थी, अब बिना अपने लोगों को खोए सीधे उसे खत्म करने की कार्रवाई का निर्देश। सेना को अधिक अधिकार।
व्यूह रचना: सुरंगों का जाल
लाइन ऑफ कंट्रोल पर हर मौसम में काम आने वाली आधुनिक सुरंगें। ऊंची चोटियों तक पहुंचने के लिए रास्ते। टाइगर हिल, तोलोलिंग जैसी ऊंची चोटियों पर मजबूत पोस्ट बनाए।
प्रशिक्षण : कम ऑक्सीजन में युद्ध
लेह से लेकर द्रास करगिल तक तैनात हर जवान को करगिल बैटल स्कूल में ऊंचे पहाड़ों पर लड़ाई की खास ट्रेनिंग। चट्टानों पर चढ़ाई व ऑक्सीजन की कमी जैसे मुश्किल हालातों का सामना करने को भी तैयार।
तकनीक : ‘नाविक’ का विकास
-1500 किमी दूर तक की जानकारी जीपीएस तकनीक से।
-सात सैटेलाइट्स का समूह 20 मीटर तक की दूरी के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध करवा सकता है।
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