हर साल मनाये जाने वाले इस दिवस के बारे में सभी लोग जानते हैं, लेकिन इतने बड़े युद्ध के पीछे क्या कारण रहा होगा, इस बात को शायद बहुत कम लोग जानते हैं। बता दें कि कारगिल युद्ध के दौरान भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी थे और पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्फ थे। कारगिल युद्ध के पीछे पाक के राष्ट्रपति परवेज मुशर्फ और पाकिस्तान के पूर्व सैन्य प्रमुख का हाथ माना जाता है।
खबरों की मानें तो कारगिल के बटालिक सेक्टर में भारत के पेट्रोलिंग टीम पर हमला हुआ जिसके बाद से ही उस इलाके में आतंकियों के होने की खबर मिली थी। पहले तो भारतीय सेना ने इसे एक जिहाद समझा लेकिन बाद में पता चला कि पाक अपनी ना-पाक हरकतों पर उतर आया है और बड़ी घुसपैठ की मंशा से सरहद पर हमला बोला है। कुछ ही समय के बाद पाक की तरफ से घुसपैठ बढ़ने लगी और भारतीय सेना को समझ आ गया कि ये योजनाबद्ध तरीके से किया गया आॅपरेशन है।
देश पर प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद के परिवार से सरकार ने नहीं निभाया वादा, न पेट्रोल पंप मिला न नौकरी छानबीन से ये भी पता चला कि इसमें सिर्फ जिहादी ही नहीं बल्कि बड़ी मात्रा में पाक के सैनिक भी शामिल थी। उसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू किया। इस आॅपरेशन में 30,000 भारतीय सैनिक शामिल हुए। जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ और पूरे 2 महीनों तक चला। लेकिन कुछ रिपोर्टस की मानें तो इस युद्ध की पृष्ठभूमि पहले ही तैयार हो गई थी।
गौरतलब है कि 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल के इस जंग में देश ने लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे।