पत्र में कहा गया है कि रेजिडेंट डॉक्टरों ने चिंता व्यक्त की है कि उन्हे कोवैक्सीन दी जा रही है, जबकि कर्नाटक के अन्य केंद्रों में कोविशील्ड भी दी जा रही है। कोवैक्सीन को लेकर उन्होंने सवाल उठाए हैं कि ये अभी अंडर ट्रायल है। कोवैक्सीन की क्लीनिकल एफिशिएंसी अभी स्थापित किया जाना बाकि है।
वहीं इस मामले में कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर का कहना है कि सबसे पहले टीका लेना अनिवार्य नहीं है। वैक्सीन का चयन करने में कोई विकल्प नहीं दिया गया है क्योंकि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोविशिल्ड और कोवाक्सिन दोनों को मंजूरी दे दी है। मैं सभी डॉक्टरों नागरिकों से विनम्रतापूर्वक कोवाक्सिन को स्वीकार करने की अपील करता हूं।