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कश्मीर: श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए प्रतिबंध, भूमिगत हुए यासीन मलिक

Published: Dec 10, 2017 10:10:21 am

Submitted by:

Mohit sharma

प्रशासन ने पहले ही मीरवाइज उमर फारूक को घर में नजरबंद में रखा है जबकि सैयद अली गिलानी लगभग एक साल से घर में नजरबंद हैं।

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नई दिल्ली। श्रीनगर के कई हिस्सों में रविवार को अलगाववादियों द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। खानयार, नौहट्टा, रैनावारी, एम आर गंज, सफा कदल, मैसुमा और क्रालखुद में प्रतिबंध लगाया गया है। पुलिस ने कहा कि कोठीबाग और राम मुंशीबाग इलाकों में भी आंशिक प्रतिबंध लगाए गए हैं।

10 दिसंबर को वार्षिक मानवाधिकार दिवस

अलगाववादियों के संगठन ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर प्रकाश डालने के लिए सोनावर स्थित भारत और पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षकों के समूह (यूएनएमओजीआईपी) के मुख्यालय तक विरोध प्रदर्शन आहूत किया है। 10 दिसंबर को वार्षिक मानवाधिकार दिवस भी है। जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष मोहम्मद यासीन मलिक भूमिगत हो गए हैं। प्रशासन ने पहले ही मीरवाइज उमर फारूक को घर में नजरबंद में रखा है जबकि सैयद अली गिलानी लगभग एक साल से घर में नजरबंद हैं। प्रतिबंधित क्षेत्रों में पुलिस और सीआरपीएफ के दस्ते तैनात किए गए हैं।

वहीं दूसरी ओर देवास के घिचलाय के रहने वाले नीलेश धाकड़ मंगलवार को श्रीनगर में गोली लगने से शहीद हा गए थे। गुरुवार को उनके गृह क्षेत्र में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया था। उनकी शव यात्रा में तीन सौ से ज्यादा दो पहिया तथा अन्य वाहन शामिल थे। इस दौरान, उनके अंतिम दर्शन के लिए भारी जनसेलाब उमड़ा था। हर आंख नम थी। सुबह महू से सेना के अधिकारी और जवान नीलेश का पार्थिव शरीर लेकर आए। महू से देवास सहित हर गांव में नीलेश को अंतिम विदाई देने के लिए सुबह से लोग जुट गए। लोगों ने सेना के वाहन पर फूल बरसाकर श्रद्धांजलि दी। गांवों में शहीद के सम्मान में पोस्टर भी लगाए गए। कई जगहों पर रंगाेली भी बनाई गई। सोनकच्छ से 33 किमी दूर स्थित ग्राम घिचलाय का रास्ता 1 घंटे का है। लेकिन लोगों की भीड़ के कारण सेना के वाहन को ये सफर तय करने में साढ़े तीन घंटे लगे।

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