लेकिन, जहां इस महामारी को लेकर पूरी दुनिया परेशान है वहीं, जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir ) में हिंसा ( Violence ) थमते हुए नजर नहीं आ रही है। आलम ये है कि जब से देश में लॉकडाउन लागू हुआ तब से घाटी में तकरीबन 50 लोगों की जान चली गई है। इनमें 29 आतंकियों ( Terrorist ) की मौत हुई है, जबकि 13 सशस्त्र बलों की जान गई है।
‘लॉकडाउन में भी शांत नहीं है घाटी’ रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ हफ्तों में सीमा रेखा ( LoC ) के पास काफी संख्या में आतंकियों के द्वारा घुसपैठ करने की कोशिश की गई है। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना की ओर से कई बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। दोनों सेनाओं के बीच कई गोलीबारी की खबरें सामने आ चुकी है। वहीं, नागरिकों की हत्या, जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों ( Police Officers ) के अपहरण की खबरें भी सामने आ चुकी है।
इतना नहीं लॉकडाउन के दौरान घाटी में एक संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ( The Resistance Front ) का भी उदय हुआ है। पुलिस कर्मियों और अन्य एजेंसियों का दावा है कि यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा ( Lashkar E Taiba ) का उप शाखा है।
‘लगातार जारी है आतंकियों का सफाया’ जानकारी के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम और काजीगुंड इलाकों में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में चार आतंकवादी मारे गए। सोमवार को एनएच -44 के पास काजीगुंड के लोअर मुंडा में तीन आतंकवादी मारे गए, जबकि कुलगाम में सेना ने मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी को मारा गया। हालांकि, इस एनकाउंटर में सेना का एक जवान भी घायल हुआ है।
वहीं, ऑपरेशन खत्म होने के बाद लोअर मुंडा में मुठभेड़ स्थल पर विस्फोट हुआ। इस धमाके में पांच नाबालिगों समेत सात लोग घायल हो गए। वहीं, सोमवार को ही उत्तरी कश्मीर के उरी में भारत-पाक सेना के बीच गोलीबारी की खबरें सामने आई।
‘घुसपैठ की भी हो रही है कोशिश’ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सीमा पर लगातार जारी गोलीबारी घुसपैठ की बढ़ती कोशिशों का भी संकेत हैं। अधिकारी का कहना है कि COVID-19 ने भले ही दुनिया को रोक दिया हो, लेकिन कश्मीर में नियमित हिंसा प्रभावित नहीं हुई है।
इस महीने की शुरुआत में कुपवाड़ा में एलओसी के पास एक जेसीओ समेत पांच घुसपैठिए और पांच सैन्यकर्मी मारे गए थे। सशस्त्र बलों का दावा है कि घुसपैठ करने वाले नए टीआरएफ के थे। गौरतलब है कि टीआरएफ ने सोपोर में हमले की जिम्मेदारी भी ली थी, जिसमें सीआरपीएफ के तीन जवान मारे गए थे।
‘अब तक 50 की मौत’ रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण कश्मीर में नियमित हिंसा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। 25 मार्च के बाद से घाटी में अब तक 50 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें 29 आतंकवादी, सात नागरिक, छह सीआरपीएफ जवान, पांच सेना के जवान, दो पुलिसकर्मी और आतंकवादियों के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को जम्मू-कश्मीर में मार गिराया गया था। इसके अलावा मरने वालों में कुछ नागरिक भी शामिल हैं। यहां आपको बता दें कि हाल ही में जम्ममू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने कहा था कि पाकिस्तानी सेना और ISI कोरोना पीड़ित आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहे हैं। लिहाजा, उन्होंने सतर्कता बढ़ाने की बात कही थी।