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वाहन चालकों के लिए कागजी दस्‍तावेज रखना जरूरी नहीं, डिजिटल दस्तावेज ही काफी

Published: Nov 25, 2018 01:44:01 pm

Submitted by:

Dhirendra

केंद्र सरकार के इस निर्णय से डिजीटल फार्मेट को बढ़ावा मिलेगा और वाहन चालकों को कागजी दस्‍तावेजों की झंझटों से मुक्ति मिलेगी।

checking officer

वाहन चालकों के लिए कागजी दस्‍तावेज रखना जरूरी नहीं, डिजिटल दस्तावेज ही काफी

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने सभी राज्‍यों के पुलिस प्रमुखों को साफ कर दिया है कि इलेक्ट्रानिक कागजात उतने ही मान्य और वैध है जितने कि कागजी दस्तावेज। इसलिए कोई भी अधिकारी कागजी दस्तावेजों के लिए बाध्य नहीं कर सकता। केंद्र सरकार की ये नीति ट्रैफिक पुलिस अथवा आरटीओ अधिकारियों को मोबाइल पर इलेक्ट्रानिक आरसीटी, डीएल अथवा पीयूसी सर्टिफिकेट दिखाने वाले वाहन चालकों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्‍हें वाहन चलाते वक्‍त हर पल इन कागजातों को ढोने की जरूरत नहीं है।
आनलाइन सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों तथा परिवहन सचिवों को एडवाइजरी भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 139 में इस बाबत जरूरी संशोधन कर दिया है। इस संबंध में दो नवंबर, 2018 को गजट अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। संशोधित नियम के मुताबिक कोई भी नागरिक किसी भी वर्दीधारी पुलिस अधिकारी अथवा राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी अन्य अधिकारी के मांगने पर उसे रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, फिटनेस व परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, पीयूसी अथवा किसी भी अन्य सर्टिफिकेट को कागजी अथवा इलेक्ट्रानिक किसी भी रूप में दिखा सकता है। इस मामले में जुड़े विभागों के अधिकारी उन्‍हें कागजी दस्‍तावेज मुहैया कराने के लिए बाध्‍य नहीं कर सकते। इससे कागजात की जांच व पुष्टि डिजिटल रूप में करने में सहूलियत के साथ आनलाइन सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल दस्तावेज से यहां अभिप्राय वाहन और सारथी पोर्टल से प्राप्त डिजिटल सर्टिफिकेट अथवा एसएमएस पर प्राप्त दस्तावेज है। सड़क मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 के अनुसार इलेक्ट्रानिक दस्तावेज कागजी दस्तावेजों की तरह ही वैध और मान्य हैं। लेकिन इसके बावजूद लोगों से लगातार इस बात की शिकायत मिल रही थी कि अधिकारी इलेक्ट्रानिक दस्तावेज स्वीकार नहीं करते हैं।
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