ट्रकों पर पाबंदी लगाने की जरूरत हम इसे कम करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। हमनें राज्य में पुरानी गाड़ियों के पंजीकरण की जांच करने, गाड़ियों में सीएनजी लगाने और पराली जलाने से रोकने की कोशिश करेंगें ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके। प्रदूषण करने करने के लिए दिल्ली में रात में प्रवेश करने वाले ट्रकों पर भी पाबंदी लगाने की जरूरत है।
केजरीवाल ने मांगा था समय गौरतलब है कि 7 नवंबर को दिल्ली में अचानक हुए मौसम परिर्वतन को लेकर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा था। लेकिन अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल से मुलाकात से साफ इनकार कर दिया था। दरअसल केजरीवाल ने आठ नवंबर को हरियाणा के सीएम को पत्र लिखा था। पहले तो हरिय़ाणा के मुख्यमंत्री ने भी मिलने से उनकार कर दिया था। लेकिन एनजीटी की फटकार के बाद खट्टर मुलाकात को तैयार हो गए।
केजरीवाल के साथ मिटिंग करने का कोई मतलब नहीं
केजरीवाल ने पराली से हो रहे प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा के लिए अमरिंदर से भी मुलाकात का समय मांगा था। लेकिन पंजाब के सीएम ने केजरीवाल से मुलाकात से साफ इनकार कर दिया। दरअसल, केजरीवाल ने कैप्टन को संबोधित ट्वीट में कहा था, ‘कैप्टन अमरिंदर सर, मैं बुधवार को हरियाणा के सीएम से मिलने के लिए चंडीगढ़ आ रहा हूं। आपका आभारी रहूंगा अगर मुलाकात के लिए अपना थोड़ा वक्त दें। यह सामूहिक हित के लिए है।’ केजरीवाल के अनुरोध पर अमरिंदर ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जब जानते हैं कि इस तरह की चर्चा निरर्थक और बेकार है, तो क्यों इसमें जबरन हाथ डाल रहे हैं। कैप्टन ने कहा कि केजरीवाल को अच्छी तरह से पता है कि पराली मुद्दे पर उनके साथ बैठक करने का कोई नतीजा नहीं निकलना है। इसके बावजूद यह कहना मुश्किल है कि केजरीवाल इस मुद्दे में अपना हाथ क्यों काला करना चाह रहे है। कैप्टन ने कहा कि सड़क छाप राजनीतिक करने वाले अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार की असफलता से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह राजनीतिक हथकंडा अपना रहे हैं।
केजरीवाल ने पराली से हो रहे प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा के लिए अमरिंदर से भी मुलाकात का समय मांगा था। लेकिन पंजाब के सीएम ने केजरीवाल से मुलाकात से साफ इनकार कर दिया। दरअसल, केजरीवाल ने कैप्टन को संबोधित ट्वीट में कहा था, ‘कैप्टन अमरिंदर सर, मैं बुधवार को हरियाणा के सीएम से मिलने के लिए चंडीगढ़ आ रहा हूं। आपका आभारी रहूंगा अगर मुलाकात के लिए अपना थोड़ा वक्त दें। यह सामूहिक हित के लिए है।’ केजरीवाल के अनुरोध पर अमरिंदर ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जब जानते हैं कि इस तरह की चर्चा निरर्थक और बेकार है, तो क्यों इसमें जबरन हाथ डाल रहे हैं। कैप्टन ने कहा कि केजरीवाल को अच्छी तरह से पता है कि पराली मुद्दे पर उनके साथ बैठक करने का कोई नतीजा नहीं निकलना है। इसके बावजूद यह कहना मुश्किल है कि केजरीवाल इस मुद्दे में अपना हाथ क्यों काला करना चाह रहे है। कैप्टन ने कहा कि सड़क छाप राजनीतिक करने वाले अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार की असफलता से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह राजनीतिक हथकंडा अपना रहे हैं।