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केरल HC का बड़ा फैसला, Lockdown में नहीं बांटने दिया जाएगा खाना, नहीं मिलेगी घूमने की आजादी

Highlights -कोरोना वायरस जैसे जानलेवा बीमारी का कहर लगातार जारी है- भारत में इस संक्रमण की चपेट में 4,421 लोग है, वहीं 326 लोग ठीक हो गए- 114 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।  

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केरल HC का बड़ा फैसला, Lockdown में नहीं बांटने दिया जाएगा खाना, नहीं मिलेगी घूमने की आजादी

केरल HC का बड़ा फैसला, Lockdown में नहीं बांटने दिया जाएगा खाना, नहीं मिलेगी घूमने की आजादी

नई दिल्ली. कोरोना वायरस जैसे जानलेवा बीमारी का कहर लगातार जारी है। भारत में इस संक्रमण की चपेट में 4,421 लोग है, वहीं 326 लोग ठीक हो गए। 114 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन का लॉकडाउन करने के एेलान किया। आज लॉकडाउन का 13वां दिन है। कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन पर सरकार अब सख्त हो गई है। इसके चलते केरल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि लॉकडाउन के दौरान घूमने की इजाजत नहीं दी जा सकती, चाहे वे खाना बांटने के लिए ही बाहर क्यों न निकले हों।

एडवाइजरी का करना होगा पालन

हाईकोर्ट ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें नेदुम्पना जिले के कोल्लम में जरूरतमंदों को खाना बांटने की इजाजत मांगी थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, अगर ऐसा कुछ किए जाने की जरूरत है तो याचिकाकर्ता राज्य सरकार की मदद कर सकते हैं। आपको हर हाल में सरकार की एडवाइजरी का पालन करना होगा। कोई भी स्वतंत्र तौर पर कुछ नहीं करना चाहिए, नहीं तो कल से हर रेस्टोरेंट खुल जाएगा। अदालत में दायर याचिका में जरूरतमंदों को भोजन वितरित करने की अनुमति मांगी गई थी, जिन्होंने कहा गया था कि सामुदायिक रसोई द्वारा वितरित भोजन पूरा नहीं पड़ रहा है।

सामाजिक दूरी जरूरी है जरूरी

देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने देश की तमाम अदालतों को व्यापक रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के जरिये कार्यवाही को लेकर दिशानिर्देश जारी किए। शीर्ष अदालत ने कहा, कोरोना से बचने को सामाजिक दूरी जरूरी है। ऐसे में वकीलों-वादियों का अदालतों में जमावड़ा नहीं होना चाहिए। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च से सिर्फ आवश्यक मामलों की ही सुनवाई वीसी से कर रहा है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने सोमवार को वीसी से अदालतों के कामकाज के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए अपने विशेषाधिकार (संविधान के अनुच्छेद-142) का इस्तेमाल करते हुए कई निर्देश जारी किए।


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