केरल बाढ़ पीड़ितों को मुआवजाः केंद्रीय मंत्री रिजीजू ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख देने का किया ऐलान स्थिती को देखते हुए केरल सरकार ने बांध के गेट को खोलने का फैसला लिया है। बता दें कि इस बांध के गेट 26 सालों के बाद खोले जाएंगे। गेट से पानी छोड़े जाने की स्थिती भयानक रूप ले सकती है। जिसे देखते हुए सरकार ने राहत दल के अलावा थलसेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल को सतर्क रहने को कहा है।
वहीं ,सरकार ने राज्य के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने बताया कि बांध का जलस्तर 2,394.72 फुट पर पहुंच गया है। जबकि बांध की अधिकतम क्षमता का स्तर 2,403 फुट ही है।
बांध से दो-तीन घंटे के लिए पानी छोड़ने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में प्रशासन इस बात पर भी ध्यान दे रही है कि पानी के बहाव के रास्ते में कोई अवरोध या ऐसी चीज ना आए जिससे नुकसान का डर हो। बताया जा रहा है कि पानी छोड़े जाने से एक बड़ा क्षेत्र पानी में डूब जाएगा, जिससे ऐसे इलाके के लाखों लोग घर छोड़ने को भी बेबस हो गए हैं।
वहीं केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने सोशल मीडिया के द्वारा बताया कि स्थिती की गंभीरता से निपटने के लिए पहले से ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) की टीम को एर्नाकुलम और त्रिशूल में भेज दिया है। साथ ही एक और टीम इडुक्की पहुंच गई है। गौरतलब है कि यहां पर तीन बांध बनाए गए हैं। जिनमें इडुक्की, चेरुथोनी और कुलमावु के नाम फेमस हैं। इन्हें यहां पर इडुक्की पनबिजली परियोजना के तहत बनाया गया था।