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आखिर क्यों सोशल मीडिया पर खूब पक रही खिचड़ी, ये है पूरा मामला

Published: Nov 02, 2017 09:20:47 pm

Submitted by:

ashutosh tiwari

3 नवंबर से ‘विश्व खाद्य भारत’ प्रदर्शनी एवं सम्मेलन की शुरुआत हो रही है।

khichadi
बीमारों के खाने के रूप में जानी जाने वाले खिचड़ी सोशल मीडिया पर खूब पकी। ये बात वायरल हो गई कि इसे राष्ट्रीय व्यंजन घोषित किया जा रहा है। बात इतनी बढ़ी कि केंद्रीय खाद्य मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने ट्विटर हैंडल पर खुद इसके बारे में सफाई दी कि असल बात ये नहीं है, जो वायरल हो गई है। हरसिमरत कौर ने कहा कि खिचड़ी को सिर्फ वर्ल्ड फूड इंडिया इवेंट के लिए सिलेक्ट किया गया है ताकि उसे और मशहूर किया जा सके। बता दें कि दिल्ली में 3 नवंबर से ‘विश्व खाद्य भारत’ प्रदर्शनी एवं सम्मेलन की शुरुआत हो रही है।
https://twitter.com/hashtag/WorldFoodIndia?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
https://twitter.com/hashtag/WorldFoodIndia?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
क्या है मामला?
दरअसल दिल्ली में 3 नवंबर से 5 नवंबर तक वर्ल्ड फूड इंडिया इवेंट होगा। जिसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विश्व के सामने भारत की पहचान स्थापित करना है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की आर से 4 नवंबर को इस इवेंट में इंडिया गेट लॉन पर शेफ संजीव कपूर की अगुवाई में खिचड़ी बनाई जाएगी। फूड इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और इस सेक्टर में इन्वेस्टमेंट लाने के लिए वर्ल्ड फूड इंडिया का आयोजन किया जा रहा है। इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस बारे में आयोजित किए गए संवाददादा सम्मेलन के बाद सोशल मीडिया पर ये खबरें वायरल होना शुरू हो गईं कि इस दौरान आने वाले मेहमानों को खिचड़ी खिलाई जाएगी और खिचड़ी को राष्ट्रीय व्यंजन घोषित कया जाएगा।
सोशल मीडिया पर पकने लगी खिचड़ी
इसके बाद इस सूचना के बारे में सोशल मीडिया पर अलग तरह की खिचड़ी पकने लगी। यहां तक कि खिचड़ी ट्विटर पर ट्रेंड भी करने लगी। लोग इसके बारे में अपनी प्रितिक्रया देने लगे। विपक्षी पार्टियों के नेताओं समेत अन्य कई लोगों ने इस संबंध में चटखारे लेते हुए भी कमेंट करने शुरू कर दिए।
कांग्रेस प्रवक्ता संजय निरूपम ने लिखा- ‘खिचड़ी मेरा प्रिय भोजन है. अगर यह राष्ट्रीय भोजन घोषित हो गया और किसी ने खाने से मना कर दिया तो क्या उसके ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला चलेगा?’
https://twitter.com/sanjaynirupam/status/925684222735433728?ref_src=twsrc%5Etfw
कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के अध्यक्ष फिरोज़ खान ने ट्वीट किया- ‘पहले देश की अर्थव्यवस्था को बीमार कर दिया अब उसको खिचड़ी खिला कर ठीक करना चाहते हैं।’

एक ने तो यहां तक कह दिया कि ‘आगे चलकर खिचड़ी खाने वाले ग़रीबी रेखा के ऊपर मान लिए जाएंगे और देश गरीबी मुक्त होगा।”
https://twitter.com/hashtag/%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%9A%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%80?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
बिग बॉस से चर्चा में आए मनवीर गुर्जर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जब देश की इतनी खिचड़ी बन ही रही है तो खिचड़ी राष्ट्रीय व्यंजन तो बनता ही है अब पकाओ और पकाते रहो खिचड़ी।’
गिनीज बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में भी होगी दर्ज
बता दें कि भारतीय भोजन को अतंरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने के प्रयासों के तहत, 4 नवंबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में 800 किलो की खिचड़ी तैयार की जाएगी। इसे गिनेस बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में भी दर्ज कराने की कोशिश होगी। मशहूर शेफ संजीव कपूर को इस तीन दिवसीय ग्लोबल इवेंट का ब्रैंड ऐंबैसडर बनाया गया है। वह इसके लिए 50 अन्य लोगों की सहायता ये ये खिचड़ी तैयार करेंगे। इस दौरान तैयार की गई खिचड़ी को राजदूतों और अन्य पदाधिकारियों को परोसी जाएगी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल के अनुसार ‘गुरु पर्व के अवसर पर तैयार ये खिचड़ी विदेशी मेहमानों के साथ-साथ गरीबों में भी बांटी जाएगी। इतनी बड़ी मात्रा में खिचड़ी बनाने के लिए इतनी ही क्षमता वाली सात फीट गहराई की कड़ाही का इंतजाम किया गया है। इस खिचड़ी का वितरण अक्षय पात्र फाउंडेशन के जरिए गरीब बच्चों में किया जाएगा।

स्वास्थ्य के लिहाज से काफी पोषक
खिचड़ी एक ऐसा भोजन है जो गरीब-अमीर सबके यहां पकती है और इसे स्वास्थ्य के लिहाज से काफी पोषक माना जाता है।’

इतिहास की किताबों में भी खिचड़ी का जिक्र
जानकारों के अनुसार अल-बरुनी ने किताब-उल-हिंद में भी खिचड़ी का जिक्र है। इसमें इसे सर्वप्रिय भोजन कहा गया है। यही नहीं आयुर्वेद की पुस्तकों में भी इसका जिक्र मिलता है। चरक संहिता में भी खिचड़ी का उल्लेख है। विद्वानों के अनुसार- ‘किशर शब्द से निकला है खिचड़ी, जिसका उत्तम समय मकर संक्रांति के बाद शुरू होता है।’’’
इब्ने बबूता ने भी किया जिक्र
एलन डेविडसन अपनी किताब आक्सफोर्ड कम्पेनियन फार फूड में लिखते हैं सैकड़ों सालों से जो भी विदेशी भारत आता रहा, वो खिचड़ी के बारे में बताता रहा। अरब यात्री इब्ने बबूता वर्ष 1340 में भारत आए. उन्होंने लिखा, मूंग को चावल के साथ उबाला जाता है, फिर इसमें मक्खन मिलाकर खाया जाता है।
social media,Khichadi
कई तरह की है खिचड़ी
देश के अलग-अलग राज्यों में भिन्न तरह की खिचड़ी बनाई जाती है। हिमाचल में बिना तड़के के पकती है हिमाचली खिचड़ी। ये मरीजों के लिए फायदेमंद है। हिमाचल के पुराने लोग बताते हैं कि पुराने समय दौरान पूरे माघ महीने में घी के साथ खिचड़ी खाई जाती है। ऐसा करने से पूरे साल शरीर स्वस्थ रहता है।

डॉक्टर भी देते हैं खिचड़ी खाने की सलाह
दिल्ली के डॉ ललित शर्मा के अनुसार खिचड़ी ऐसा खाइ्स है- से डाईजेस्ट हो जाता है। क्योंकि इसमें मसाले और अन्य तीखी चीजें इस्तेमाल नहीं की जाती हैं, इसलिए मरीजों को भी इसे खाने की सलाह दी जाती है।

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