‘किसान विरोधी है सरकार’ भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष नरेश टिकैत ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 सितंबर को शुरू हुई किसान क्रांति पदयात्रा को दिल्ली में किसान घाट पर समाप्त किया जाना था। हालांकि दिल्ली पुलिस ने पहले हमे दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दी, जिसका हमने विरोध किया। हमारा लक्ष्य केवल यात्रा को पूरा करना था जो हमने पूरा कर लिया है। अब हम लोग अपने गांव वापस लौट जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है और हमारी कोई भी मांग पूरी नहीं हुई हैं।
एनएच 24 और मेरठ एक्सप्रेसवे खुला आंदोलन खत्म होने के साथ ही अब यातायात फिर से सचारू रुप से चलने लगेगा क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग 24 और मेरठ एक्सप्रेसवे फिर से खोल दिया गया है। बता दें कि मंगलवार को किसान क्रांति यात्रा जबब उत्तर प्रदेश-दिल्ली की सीमा गाजिपुर पर पहुंची तो पुलिस और किसान भिड़ गए। जिससे से इस रूट पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुए। वहीं किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते मंगलवार को गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने सुरक्षा का हवाला देते हुए बुधवार को गाजियाबाद के सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का फैसला किया।
सात मांगों पर बनी सहमतिकिसानों की 11 मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन और सरकार के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर बैठक हुई। बैठक में सरकार और किसानों के बीच सात मांगों पर सहमति बनी है। बैठक के बाद किसानों के बीच पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि फसल बीमा और किसान क्रेडिट का मुद्दा उठा है।जिसे जीएसटी काउंसिल में उठाया जाएगा। किसानों की मांग पूरी करने के लिए कमेटी गठित की जाएगी। शेखावत ने कहा कि सहमति वाले मुद्दों का ऐलान किया गया है । 7 मांगों पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि पुराना ट्रैक्टर चलाने की अनुमति दी गई है। साथ ही खेती से नरेगा को जोड़ने पर भी चर्चा की गई है