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56 साल से विवादों में अटका रहा सरदार सरोवर बांध, नेहरु ने रखी थी नींव, उद्घाटन करेंगे मोदी

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने 5 अप्रैल 1961 को रखी थी इस बांध की नींव, 56 साल बाद पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

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sardar sarovar dam

अहमदाबाद: प्रधानमंत्रनरेंद्र मोदी का आज 67वां जन्मदिन है और आज का दिन पीएम मोदी अपने गृहनगर गुजरात में बिताएंगे। पीएम मोदी ने आज के दिन की शुरुआत मां का आशीर्वाद लेकर की। पीएम मोदी का जन्मदिन इस बार खास इसलिए होने जा रहा है क्योंकी पीएम मोदी आज ही के दिन गुजरात को वो सौगात देंगे, जिसको पूरा होने में करीब 56 साल लग गए। जी हां, पीएम मोदी देश के सबसे बड़े बांध सरदार सरोवर बांध का आज उद्घाटन करेंगे। इस बांध से गुजरात के बड़े इलाकों में किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, साथ ही बिजली के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।

56 साल के विवादों के बाद तैयार है बांध
आपको बता दें कि सरदार सरोवर बांध का निर्माण नर्मदा नदी पर किया गया है और ये देश का सबसे ऊंचा बांध है। इस बांध ऊंचाई 138 मीटर है और इस बांध पर 30 गेट बनाए गए हैं। इस ऊंचाई को पाने में सरदार सरोवर ने 56 साल के विवादों का लंबा सफर तय किया है।

सैकड़ों गांवों के गुम हो जाने की दर्दनाक हकीकत
जहां एक तरफ इस बांध से गुजरात के किसानों को फायदा होगा तो वहीं दूसरी तरफ इस बांध के साथ जुड़ा है सूखे से हरे होने का सपना और सैंकड़ों गांवों के गुम होने जाने की दर्दनाक हकीकत। सरदार सरोवर के साथ राजनीति के लंबे दांवपेंच भी चले। मामला कोर्ट तक पहुंचा। सालों तक डूब में आने वाले गांव के लोगों ने जल सत्याग्रह किया और इन सबके साथ बांध का काम रुक-रुक कर आगे बढ़ता रहा।

पानी के साथ-साथ बिजली उत्पादन भी होगा
56 साल के लंबे इंतजार के बाद सरदार सरोवर बांध बनकर तैयार हो गया है और अपनी पूरी क्षमता के साथ पानी और बिजली उत्पादन के लिए तैयार है। गुजरातवासियों के लिए इस डैम के उद्घाटन को खास बनाने के लिए पूर्व संध्या पर ही जोरदार तैयारियां शुरु हो गई थीं। लेजर की रंग बिरंगी रोशनी से बांध के 30 गेटों को सजाया गया। रौशनी से नर्मदा के 30 गेटों पर तरह - तरह की कलाकृतियां बन रही थी।

बांध से जुड़ी अन्य अहम जानकारियां-

- इस बांध को बनाने की पहल साल 1945 में सरदार पटेल ने की थी, लेकिन इसकी नींव भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 5 अप्रैल, 1961 में रखी थी।
- बांध में करीब 4.73 मिलियन क्यूसिक जल संग्रहण की क्षमता है।

- बांध पर गुलाबी, सफेद और लाल रंग के 620 एलईडी बल्ब लगाए गए हैं। इनमें से 120 बल्ब बांध के 30 गेट पर लगे हैं। इनसे पैदा होने वाली रोशनी से ओवरफ्लो का आभास होता है। बांध बनाने में 86.20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट लगा है। इतने कंक्रीट से पृथ्वी से चंद्रमा तक सड़क बनाई जा सकती थी।

नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2014 में महज 20 दिन के कार्यकाल में नर्मदा बांध (सरदार सरोवर) की ऊंचाई 121. 92 मीटर से बढ़ाकर 138.72 मीटर (455 फीट) तक किए जाने की अनुमति दी थी। यह कार्य सितंबर 2017 तक पूरा होना था।

- सरदार सरोवर बांध को लेकर 1985 में जबरदस्त विरोध हुआ था। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की अगुवाई में डैम का निर्माण रोकने की कोशिश हुई थी तब से लेकर आज तक विरोध जारी है।

- बांध का सबसे ज्यादा फायदा गुजरात को मिलेगा। इससे यहां के 15 जिलों के 3137 गांव की 18.45 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की जा सकेगी। इसके अलावा
बिजली का सबसे अधिक 57% हिस्सा मध्य प्रदेश को मिलेगा। महाराष्ट्र को 27% और गुजरात को 16% बिजली मिलेगी। राजस्थान को इस बांध से सिर्फ पानी सप्लाई हो पाएगा।