आपको बता दें कि सरदार सरोवर बांध का निर्माण नर्मदा नदी पर किया गया है और ये देश का सबसे ऊंचा बांध है। इस बांध ऊंचाई 138 मीटर है और इस बांध पर 30 गेट बनाए गए हैं। इस ऊंचाई को पाने में सरदार सरोवर ने 56 साल के विवादों का लंबा सफर तय किया है।
जहां एक तरफ इस बांध से गुजरात के किसानों को फायदा होगा तो वहीं दूसरी तरफ इस बांध के साथ जुड़ा है सूखे से हरे होने का सपना और सैंकड़ों गांवों के गुम होने जाने की दर्दनाक हकीकत। सरदार सरोवर के साथ राजनीति के लंबे दांवपेंच भी चले। मामला कोर्ट तक पहुंचा। सालों तक डूब में आने वाले गांव के लोगों ने जल सत्याग्रह किया और इन सबके साथ बांध का काम रुक-रुक कर आगे बढ़ता रहा।
56 साल के लंबे इंतजार के बाद सरदार सरोवर बांध बनकर तैयार हो गया है और अपनी पूरी क्षमता के साथ पानी और बिजली उत्पादन के लिए तैयार है। गुजरातवासियों के लिए इस डैम के उद्घाटन को खास बनाने के लिए पूर्व संध्या पर ही जोरदार तैयारियां शुरु हो गई थीं। लेजर की रंग बिरंगी रोशनी से बांध के 30 गेटों को सजाया गया। रौशनी से नर्मदा के 30 गेटों पर तरह – तरह की कलाकृतियां बन रही थी।
– बांध में करीब 4.73 मिलियन क्यूसिक जल संग्रहण की क्षमता है।
बिजली का सबसे अधिक 57% हिस्सा मध्य प्रदेश को मिलेगा। महाराष्ट्र को 27% और गुजरात को 16% बिजली मिलेगी। राजस्थान को इस बांध से सिर्फ पानी सप्लाई हो पाएगा।