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जानें कौन है राधे मां और क्यों उनपर लग रहा अश्लीलता फैलाने का आरोप?

Published: Sep 09, 2017 03:06:00 pm

Submitted by:

mohit sharma

अप्रैल के बाद से दो उच्च न्यायालयों ने दो राज्यों के पुलिस को उसके खिलाफ जांच शुरू करने का आदेश जारी किया है।

Radhe Maa
नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद अब खुद को देवी का अवतार बताने वाली राधे मां पर कानून का शिंकजा सख्त होता दिख रहा है। दरासल, राधे मां का पूरा नाम सुखविंदर कौर है और वह पंजाब के होशियारपुर की रहने वाली हैं। हालांकि बाद में वह मुंबई चली गई और बोरिवली से अपना आश्रम चलाने लगी। अप्रैल के बाद से दो उच्च न्यायालयों ने दो राज्यों के पुलिस को उसके खिलाफ जांच शुरू करने का आदेश जारी किया है। 28 अप्रैल को मुंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई पुलिस से एक निकी गुप्ता के बयान दर्ज करने के लिए कहा। बता दें कि निकी गुप्ता ने राधे मां पर उसके ससुराल वालों को उसके खिलाफ दहेज प्रताडऩा के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।
कोर्ट ने दिया एफआईआर दर्ज करने का आदेश
बता दें कि निक्की नाम की इस लड़की के मुताबिक 30 अप्रैल 2012 को उसकी शादी मुंबई के नकुल गुप्ता से हुयी थी। नकुल उस मनमोहन गुप्ता के भांजे है, जिसके मुंबई स्थित घर में राधे मां उस समय रहती थी। बताया जा रहा है कि मुंबई के कांदिवली में एमएम मिठाईवाला के नाम से मशहूर गुप्ता परिवार के मुखिया मनमोहन गुप्ता की राधे मां पर खास श्रद्धा रही है। वहीं पंजाब के रहने वाले सुरेंद्र मित्तल की याचिका पर सुनवाई करते हुये पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 5 सितंबर को राधे मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया है। साथ ही राधे मां पर लगे आरोपों की भी गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि पंजाब के फगवाड़ा के रहने वाले सुरेंद्र मित्तल ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर खुद को देवी का अवतार कहने वाली राधे मां के खिलाफ मामला दर्ज करने की अपील की थी। इसी मामले की सुनवाई करते हुये पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कपूरथला पुलिस को फटकार लगाते हुये कहा है कि आरोप के बावजूद थाने में राधे मां के खिलाफ शिकायत दर्ज क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।
सुखविंदर कौर से इस तरह बन गई राधे मां
48 वर्षीय राधे मां का जन्म पंजाब के गुरदासपुर जिले में हुआ था। उनका वास्तविक नाम सुखविंदर कौर है और वह 9वीं कक्षा तक पढ़ी हैं। राधे मां की शादी 18 साल की उम्र में मुकेरिया के मनमोहन सिंह से हुई थी। शादी के बाद राधे मां के पति कतर में नौकरी करने के लिए चला गया था। इस दौरान राधे मां एवं उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। यहां तक कि राधे मां की माली हालत इतनी खराब थी कि उसने लोगों के कपड़े सिलकर अपनी रोजी रोटी कमानी शुरू की। 21 साल की उम्र में सुखविंदर को उस समय नया जीवन मिला जब वह महंत रामाधीन परमहंस के शरण में जा पहुंचीं। परमहंस ने सुखविंदर को 6 महीने तक दीक्षा दी। आध्यात्म की दीक्षा ग्रहण करने के बाद परमहंस ने सुखविंदर को एक नया नाम दिया और उसके बाद से सुखविंदर राधे मां के नाम से जानी जाने लगी। राधे मां पर आरोप लगते रहे है कि वो सिर्फ आशीर्वाद देने में ही नहीं, बल्कि तंत्र मंत्र में भी निपुण हैं।
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