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जानिए मकर संक्राति का शुभ मुहूर्त, आज इन कामों को करने से बचें

हिंदू पंचाग के अनुसार जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्राति का पर्व मनाया जाता है।

नई दिल्लीJan 14, 2018 / 08:51 am

Kapil Tiwari

Makar Sankranti

नई दिल्ली: मकर संक्राति का पर्व हिंदू पंचाग के अनुसार उस दिन मनाया जाता है, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार पर्व और त्योहार चंद्र पंचांग यानी चंद्रमा की गति और उसकी कलाओं पर आधारित है। हर साल 14 जनवरी को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आता है और इसी दिन को मकर संक्राति के रूप में मनाते हैं। लोहड़ी और मकर संक्राति का पर्व एक दिन आगे-पीछे होता है। आज के इस दिन को दक्षिण भारत में पोंगल के रूप में भी मनाया जा रहा है।
आज के स्नान का फल कई गुना बढ़ जाता है
आपको बता दें कि इस दिन सूर्य कर्क रेखा से मकर राशि में भी प्रवेश करता है तो इसीलिए आज के दिन को मकर संक्राति के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्राति के दिन मान्यता है कि आज के दिन किया गए दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है और आज के दिन किया गया स्नान दान का फल कई गुना बढ़कर मिलता है। कहते ये भी हैं कि मकर संक्राति के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने आते हैं और शुक्र का उदय होने से इस काल को शुभ कार्यों की शुरुआत का समय भी माना जाता है।
ऐसे में आज के इस पवित्र पर्व और दिन को कैसे व्यतीत किया जाए और इस दिन क्या-क्या काम किए जाए और क्या न किया जाए ये जानना बेहद जरूरी है।

नशे का सेवन करने से बचें: इस बात का खास ध्यान रखा जाए कि मकर संक्राति के दिन किसी भी तरह का नशा न करें। आज के दिन सिर्फ तिल, गुड़ और खिचड़ी जैसी चीजों का सेवन और इनका दान करना चाहिए।
नहाने से पहले कुछ न खाएं: मकर संक्राति के दिन सुबह जल्दी उठकर, नहाकर और पूजा करके उसके बाद ही कुछ खाएं। कुछ लोगों की आदत होती है कि उठते ही चाय पीने की। पूजा करने और गरीब ब्राह्मणों को दान करने के बाद ही कुछ खाना चाहिए।
तामसी भोजन से रहें दूर– मकर संक्रां‌ति के दिन लहसुन, प्याज, मांस और अंडा आदि ना खाएं। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

किसी को ना लौटाएं खाली हाथ: मकर संक्रांति के दिन कभी भी किसी भिखारी, साधु या बुजुर्ग या किसी अन्य याचक को घर से खाली हाथ ना जाने दें। आपसे जो कुछ हो सके उसके अनुसार ही उसे देकर विदा करें
मीठी बोली बोलें: मकर संक्रां‌ति के दिन भूलकर भी गुस्सा नहीं करना ‌चाहिए। इस दिन अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए और दूसरों से मधुर बोल ही बोलने चाहिए।

शुभ मुहूर्त

पुण्य काल मुहूर्त- रात 02:00 बजे से सुबह 05:41 तक
मुहूर्त की अवधि- 3 घंटा 41 मिनट

संक्रांति समय- रात 02:00 बजे

महापुण्य काल मुहूर्त- 02:00 बजे से 02:24 तक

मुहूर्त की अवधि- 23 मिनट

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