सेना अभ्यास को किया गया था स्थगित मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च के शुरू में सेना और भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस का सब सेक्टर नॉर्थ (SSN) में अभ्यान होना था। लेकिन, कुछ जवानों के कोरोना पॉजिटिव ( COVID-19) होने के बाद इस अभ्यास को टाल दिया गया था। जिसका फायदा चीन ने भरपूर उठाया और भारतीय सेना ( Indian Army ) के पेट्रोलिंग वाले इलाके में अपनी पोजीशन मजबूत कर ली। जिसके कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक जवान के कोरोना संक्रमित होते ही काफी एहतियात बरतनी पड़ी। जवानों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई। अधिकारियों का कहना है कि COVID-19 के फैलने से रोकने के लिए ही अभ्यास को स्थगित किया गया था। चीन ने भी अपने अभ्यास को स्थगित कर दिया था।
चीन ने दिखाई चालबाजी रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने एक महीने के लिए अभ्यास तो रोक दिया, लेकिन गलवान घाटी और पैंगोंग शो झील के करीब चालबाजी दिखाते हुए सैनिकों की तैनाती कर दी। चीन की इस चालाकी को समझने में भारतीय सेना ने देरी नहीं की और कोरोना प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए लेह में तैनात अपने सैनिकों को मौके पर भेज दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि गलवान में चीन ने तकरीबन 3400 जवानों की तैनाती कर दी है। जबकि पैंगोंग लेक इलाके में चीन के 3600 सैनिक मौजूद हैं। आलम ये है कि सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बना हुआ है।
5-6 को मई लद्दाख में हुई थी झड़प एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन ( Lockdown 2.0 ) के दूसरे चरण में ही चीन ने सीमा पर सैनिकों की मूवमेंट बढ़ा दी थी। भारतीय सेना को इसका अंदाजा लग चुका था। लद्दाख में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प 5-6 मई को हुई थी। इस झड़प में कई भारतीय जवान घायल भी हुए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कह चुके हैं कि चीन ने सीमा पर अपनी सेना बढ़ा दी है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है।