इसके बाद संबंधित ठेकेदार ने अपने यहां करीब 70 लाख रुपए की अघोषित आय उजागर करते हुए विभाग को समर्पित की थी। इस कार्रवाई के बाद विभाग ने जब्त किए दस्तावेजों की जांच के लिए एक टीम का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर अब आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।
आयकर विभाग के अधिकारियों को दस्तावेजों की जांच के दौरान पता लगा कि शहर और गांवों के ठेकेदारों ने लाखों-करोड़ों रुपए का बिजनेस व्यास कॉलोनी स्थित ठेकेदार के साथ मिलकर किया। लेकिन विभाग को इन्कम टैक्स के नाम पर एक रुपया भी नहीं दिया।
बताया जाता है कि विभागीय अधिकारियों की ओर से पिछले दस दिन में संबंधित 17 ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे कारोबार की गोपनीय तरीके से निगरानी करनी शुरू कर दी थी। अंतिम रिपोर्ट बनने के लिए पहली सूची में 17 ठेकेदारों के नाम आयकर अधिकारियों ने विभाग के उच्चाधिकारियों को सौंपे थे। सूची में ठेकेदारों द्वारा बनाए गए मकान और निर्माण सामग्री आपूर्ति करने का उल्लेख किया गया है।
इन्कम डिक्लरेशन को लेकर मीटिंग आयकर विभाग की इन्कम डिक्लरेशन स्कीम को लेकर बुधवार को आयकर विभाग के आला अधिकारियों ने बीकानेर सहित श्रीगंगानगर के अधिकारियों की मीटिंग बुलाई है। बताया जाता है कि मुख्यालय के निर्देश पर संबंधित अधिकारियों से योजना को लेकर समर्पित की गई राशि का हिसाब लिया जाएगा। इतना ही नहीं पूर्व में भेजी गई सूचना और उनकी क्रियान्विति के बारे में भी अधिकारियों से मीटिंग में जवाब मांगा जा सकता है।
अघोषित आय को लेकर विभाग गंभीर इन्कम डिक्लरेशन स्कीम के तहत अब विभाग ने उल्टी गिनती गिननी शुरू कर दी है। 30 सितम्बर तक अघोषित आय समर्पित करवाने का मौका व्यापारियों को दिया गया है, इसके बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अभी हाल ही में हुए एक खुलासे के बाद विभाग ने शहर और गांव के कुछ ठेकेदारों को चिन्हित किया है, जिनके बही-खातों की जांच कर उनकी आय का भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
आरएस. मीणा, प्रधान आयकर आयुक्त, बीकानेर