मुख्य न्यायधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने की तल्ख टिप्पणी
फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने तल्ख टिप्पणी की। दीपक मिश्रा ने कहा कि संविधान के मुताबिक बनाए गए कानून की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुसार, प्रशासनिक फैसले लेना सामूहिक ड्यूटी है। मिश्रा ने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच मधुर रिश्ते होने चाहिए। मुख्य न्यायधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने जो सबसे बड़ी टिप्पणी की वो यह है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए। संघीय ढांचों में राज्यों को भी स्वतंत्रता मिली है। हर मामले में एलजी की इजाजत जरूरी नहीं है।
जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ की टिप्पणी
पाांच जजों की संविधान पीठ में शामिल जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली की सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है। इसलिए दिल्ली सरकार के काम में कोई बाधा नहीं पहुंचानी चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने साफ तौर पर कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल को राज्य मंत्रिमंडल की सलाह पर ही काम करना चाहिए क्योंकि मंत्रिमंडल जनता के लिए जिम्मेदार है। उपराज्यपाल को मंत्रिमंडल की सलाह से ही काम करना चाहिए। राज्य सरकार के कामकाज में रोज-रोज दखल नहीं दिया जा सकता। इसके अलावा पांच जजों की संविधान पीठ में शामिल दो अन्य जजों ने कहा कि दिल्ली सरकार को हर फैसला एलजी को बताना होगा। लेकिन सभी मामलों में उपराज्यपाल की सहमति जरूरी नहीं है।