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दिल्ली, कोलकाता, पटना में भूकंप के झटके, कोई हताहत नहीं

Published: Apr 13, 2016 07:48:00 pm

उत्तर-पूर्वी भारत सहित दिल्ली, पटना, कोलकाता में मंगलवार की शाम भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी भारत में मंगलवार की शाम भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके देश की राजधानी दिल्ली, एनसीआर, पटना, कोलकाता तक महसूस किए गए। खबर लिखे जाने तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली तथा देश के अन्य पूर्वी राज्यों में भूकंप के झटके आए।

भूकंप का केन्द्र भारत-म्यामांर की सीमा पर जमीन से 134 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 मापी गई है। भूकंप आते ही लोग अपने घरों तथा दफ्तरों से बाहर निकल आए। लोगों में हलचल मच गई। प्रभावित क्षेत्रों में कुछ देर के लिए मेट्रो सेवाएं भी रोक दी गईं।

हाल ही में आया था भूकंप
हाल ही में 10 अप्रैल को भी भारत सहित पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप का केन्द्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश पर्वत में था। उस समय 4 लोगों की मौत हो गई थी तथा लगभग 15 लोग घायल हो गए थे।

इसलिए आता है भूकंप
पृथ्वी की बाहरी परत में अचानक हलचल होती है जिससे उत्पन्न ऊर्जा इसका कारण होता है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर भूकंप की तरंगें पैदा करती है। ये तरंगे धरती को हिलाकर प्रकट होती है।

भूकंप आने के कारण
भूकंप आने के दो कारण होते हैं-प्राकृतिक या मानवजनित। ज्यादातर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। ये मुख्य दोष भारी मात्रा में गैस प्रवास, ज्वालामुखी, पृथ्वी के भीतर गहरी मीथेन, भूस्खलन अथवा नाभिकीय परिक्षण हैं।

ऎसे मापें भूकंप के झटके
भूकंप को सीस्मोग्राफ से मापा जाता है। भूकंप का क्षण परिमाण पारंपरिक रूप से मापा जाता है अथवा संबंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। 3 रिक्टर कीतीव्रता से आने वाला भूकंपसामान्य होता है जबकि 7 रिक्टर से आने वाला भूकंक गंभीर क्षति पहुंचाने वाला होता है।

भूकंप आने पर होने वाले प्रभाव
भूकंप आने से जान-माल की हानि समेत कई रोग आदि होते हैं। ईमारतें, बांध, पुल आदि पृथ्वी के नाभिकीय ऊर्जा केंद्र को नुकसान पहुंचाते हैं। भूकंप से भूस्खलन व हिम स्खलन होता है, जिनसे पर्वतीय क्षेत्रों में क्षति होती है। इसके अलावा बिजली के तार टूटने से आग लग सकती है वहीं भूकंप से समुद्र के भीतर सुनामी आ सकती है। भूकंप से बांध टूटने पर बाढ़ आ सकती है।

भूकंप आने पर ऎसे करें बचाव
-भूकंपरोधी मकान का निर्माण करवाएं।
-आपदा किट बनाएं जिसमें रेडियो, मोबाइल, जरूरी कागजाजत, टार्च, माचिस, चप्पल, मोमबत्ती, कुछ पैसे और जरूरी दवाएं हों।
-भूकंप आने परबिजली और गैस बंद कर दें।
– भूकंप अपने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें।
– भूकंप आने पर खुले स्थान पर जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें।
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