मद्रासा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने डीएमके की मांग के खिलाफ हलफनामा दिया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि हमने दो एकड़ जमीन और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का वादा किया है। सरकार ने सरदार पटेल रोड पर जमीन देने की बात हाईकोर्ट में की है। इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट में पिछले साल डाली गई सभी छह याचिकाओं को खारिज किया जा चुका है। इन याचिकाओं में मरीना बीच पर किसी भी तरह के समाधि स्थल बनाने का विरोध किया गया था। समर्थकों के विरोध को देखते हुए हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है और एहतियातन कोर्ट में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा है कि जब करुणानिधि मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने जानकी रामाचंद्रन को भी मरीना बीच पर जगह नहीं दी थी। जबकि जानकी रामाचंद्रन 7 जनवरी 1988 से 30 जनवरी 1988 तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रही थीं। उसी व्यवस्था को आधार बनाते हुए एआईएडीएमके सरकार ने करुणानिधि को भी वहां पर दरफनाने की इजाजत देने को तैयार नहीं है।
इस बीच करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाने को लेकर कई नेताओं ने भी मांग का समर्थन किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्ष के नेता ऐसी मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयललिता की तरह करुणानिधि भी तमिल लोगों की आवाज थे। इसलिए नको मरीना बीच में दफनाने की जगह दी जानी चाहिए. मुझे विश्वास है कि तमिलनाडु के मौजूदा नेता इस दुख की घड़ी में उदारता दिखाएंगे। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी करुणानिधि को मरीना बीच में दफनाने के लिए जगह देने से इनकार किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि कलैगनार को मरीना बीच तमिलनाडु के पहले मुख्यमंत्री अन्ना दुरै के बगल में दफनाया जाए। सुपरस्टार और राजनेता रजनीकांत ने तमिलनाडु सरकार से करुणानिधि के लिए मरीना में जमीन देने की अपील की है।