RSS कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी ने पढ़ाया देशभक्ति का पाठ-विचारों में समानता के लिए संवाद जरूरी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस कार्यक्रम में राष्ट्रवाद पर व्याख्यान दिया।

नागपुर: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को आरएसएस मुख्यालय में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देशभक्ति का पाठ पढ़ाया। भाषण में सबसे पहले उन्होंने कहा कि मैं यहां देश और देशभक्ति समाझाने आया हूं। भारत की विविधता और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सहिष्णुता हमारी सबसे बड़ी पहचान है। भारत में 7 धर्म, 122 भाषाएं और 1600 बोलिया हैं। राष्ट्रवाद किसी धर्म ,भाषा और जाति से बंधा नहीं है। भारत का राष्ट्रवाद वसुधैव कुटुम्बकम से प्रेरित। संविधान से राष्ट्र की भावना बहती है सहनशीलता हमारे समाज का आधार है। विचारों में समानता के लिए संवाद जरूरी है। बातचीत से हर समस्या का समाधान है।
It was this very nationalism that Pandit Nehru so vividly expressed in the book 'Discovery of India', he wrote, "I am convinced that nationalism can only come out of the ideological fusion of Hindu, Muslims, Sikhs and other groups in India.": Dr Pranab Mukherjee in Nagpur pic.twitter.com/hetZaDD1w6
— ANI (@ANI) June 7, 2018
देश के लिए समर्पण ही देशभक्ति
इस दौरान उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रगति के बाद भी खुशहाली में पीछे है। आज देश में हिंसा और गुस्सा बढ़ रहा है। हिंसा, गुस्सा छोड़कर हम शांति के रास्ते पर चले। भेदभाव और नफरत करेंगे तो हमारी पहचान को खतरा होगी। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सबने मिलकर देश को उन्नत बनाया है। दुनिया का पहला राष्ट्र भारत है। भारत का राष्ट्रवाद वसुधैव कुटुम्बकम से प्रेरित है। दुनिया के देशों में बौद्ध धर्म की पहुंच है।हम एकता की ताकत को समझते हैं। देश के लिए समर्पण देशप्रेम है। विविधता और सहिष्णुता में भारत बसता है। भारत के दरवाजे पहले से खुले हैं । 1800 तक भारत दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र रहा है।
It was this very nationalism that Pandit Nehru so vividly expressed in the book 'Discovery of India', he wrote, "I am convinced that nationalism can only come out of the ideological fusion of Hindu, Muslims, Sikhs and other groups in India.": Dr Pranab Mukherjee in Nagpur pic.twitter.com/hetZaDD1w6
— ANI (@ANI) June 7, 2018
#WATCH Former President Dr Pranab Mukherjee speaking at RSS's Tritiya Varsh event, in Nagpur https://t.co/REkQkhbYLG
— ANI (@ANI) June 7, 2018
संघ सर्वसमाज के लिए -भागवत
वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रणब मुखर्जी से पहले स्वयंसेवकों को संबोधित किया। भागवत ने कहा कि भारत में जन्मे हर व्यक्ति भारत मां के पुत्र हैं। भागवत ने कहा कि संघ लोकतांत्रिक विचार वाला संगठन है।समाज में अच्छे लोगों को तैयार करना संघ का काम है। सरकार बहुत कुछ कर सकती हैं, लेकिन सबकुछ नहीं कर सकती। अनियंत्रित शक्ति खतरा पैदा करती है। शक्ति के साथ शील होना जरूरी है। हेडगेवार कांग्रेस के आंदोलन में जेल गए हैं। भागवत ने प्रणब मुखर्जी के आने पर हो रहे विवाद पर बोलते हुए कहा कि प्रमुख व्यक्तियों को बुलाना हमारी पुरानी परंपरा है। इस पर विवाद बेवजह है। उन्होंने कहा कि संघ केवल हिंदू के लिए नहीं है बल्कि सर्वसमाज के लिए है।
Dr Pranab Mukherjee ko humne sehej roop se amantran diya aur unhone humara sneh pehchan kar unhone sahmiti di. Unko kaise bulaya aur woh kaise ja rahe hain yeh charcha nirarthak hai: RSS chief Mohan Bhagwat pic.twitter.com/5pkT4bmyvX
— ANI (@ANI) June 7, 2018
हेडगेवार को किया नमन
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक और प्रथम सरसंघचालक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के घर पहुंचे। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रणब मुखर्जी का स्वागत किया। जिसके बाद प्रणब मुखर्जी डॉ हेडगेवार की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि दी। प्रणब मुखर्जी ने विजिटर बुक में लिखा कि भारत मां के महान सपूत को श्रद्धांजलि दी है।
'Today I came here to pay my respect and homage to a great son of Mother India': Former President Dr.Pranab Mukherjee's message in the visitor's book at RSS founder KB Hedgewar's birthplace in Nagpur pic.twitter.com/ax76NCzJMa
— ANI (@ANI) June 7, 2018
WATCH: Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) flag being unfurled at RSS's Tritiya Varsh event, in Nagpur, where former President Dr Pranab Mukherjee is the chief guest. pic.twitter.com/A4zKtLiv4f
— ANI (@ANI) June 7, 2018
कांग्रेस ने ट्वीट कर आरएसएस पर बोला हमला
वहीं कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी के भाषण से पहले वीडियो ट्वीट कर आरएसएस पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस ने संघ पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस ने अंग्रेजों को साथ दिया। नाथूराम गोडसे को बंदूक संघ ने की।
बता दें कि 1 अप्रैल 1889 में हेडगेवार का जन्म नागपुर में हुआ था। 1925 को विजयदशमी के दिन संघ की स्थापना डॉ केशव हेडगेवार ने की थी।
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भारी विरोध के बाद नागपुर गए प्रणब मुखर्जी
आपको बता दें कि संघ के कार्यक्रम में उनकी शिरकत को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें पत्र लिखकर नागपुर नहीं जाने की अपील की । लेकिन प्रणब मुखर्जी अपने जाने के फैसले पर अडिग रहे। प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा था कि इस यात्रा से केवल आपकी छवि ही यादें रह जाएंगी। आपके विचारों को कोई याद नहीं रखेगा। उन्होंने अपने पिता को आगाह किया कि आपके शामिल होने के बाद संघ मुख्यालय कांग्रेस और आपके खिलाफ झूठी खबरें और अफवाहों को तूल देने का काम करेगा।
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