नाम वापस ना लेने पर जान से मारने की धमकी
आतंकी संगठनों ने कश्मीर के लोगों से चुनाव का बहिष्कार करने का फरनान सुनाया है। आतंकियों ने धमकी दी है कि नाम वापस न लेने वाले मरने के लिए तैयार रहें। इस धमकी के बाद चुनाव के लिए खड़े प्रत्याशियों में जान जाने का डर सता है, जिसके बाद एक-एक कर प्रत्याशी अपना नाम वापस ले रहे है। आतंकियों का इतना खौफ है कि कश्मीर में कई वार्डों में उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं। बीते एक सप्ताह के दौरान लगभग 12 लोगों ने अपने नाम वापस ले लिए है।
प्रशासन की ओर से सुरक्षा के मुकम्मल प्रयास
वहीं, प्रशासन की ओर से आतंकियों की मंशा को विफल करने के उद्देश्य से सुरक्षा के मुकम्मल प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी प्रत्याशियों को हत्या होने का डर सता रहा है। शुक्रवार की घटना के बाद श्रीनगर नगर निगम में डलगेट की रहने वाली मुजम्मिल जान ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। इस संबंध में उन्होंने आधिकारिक तौर पर अपना नामांकन वापस ले लिया है। वहीं,भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मेहराजुदीन ने भी माफी मांगते हुए चुनाव प्रक्रिया से हटने की घोषणा की है। श्रीनगर के वार्ड 73 के निर्दलीय उम्मीदवार, पट्टन में दो और दक्षिण कश्मीर के आंचीडूरा से भी एक उम्मीदवार ने चुनाव ना लड़ने का फैसला किया है।
अलगाववादियों का चुनाव से बहिष्कार
बता दें कि श्रीनगर नगर निगम में चुनाव प्रक्रिया चार चरणों में संपन्न होने हैं। पहले चरण का चुनाव आठ अक्टूबर को है और 16 को चौंथे चरण का चुनाव होना है। घाटी में अलगाववादियों ने घाटी के लोगों से चुनाव का बहिष्कार करने को कहा है। आतंकी संगठनों ने भी बहिष्कार का समर्थन करते हुए कहा कि यह चुनाव कश्मीर में जारी जिहाद के खिलाफ है। इस चुनाव में जो भी भाग लेगा वह इस्लाम और कश्मीर का दुश्मन है। वहीं , दूसरी तरह आतंकियों और अलगाववादियों द्वारा चुनाव का बहिष्कार करने के ऐलान के बाद भी श्रीनगर नगर निगम में 216 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन जमा कराया है।