चीन भले ही इस वक्त पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत से दो-दो हाथ करने को तैयार है लेकिन इसकी तैयारी उसने काफी पहले ही शुरू कर दी थी। स्थानीय लोगों की मानें तो चीन ने लद्दाख में घुसपैठ ( Infiltration ) के लिए बड़े शातिर तरीके अपनाए।
पूर्वी लद्दाख समेत जिन इलाकों पर चीन कब्जा करने की कोशिश में जुटा है, असल में शायद वह काफी पहले से ही वहां सक्रिय हो चुका था। यह जानकारी उन इलाकों के आसपास रहने वाले निवासियों से मिली है।
पशुओं को चुराना किया शुरू
स्थानीय लोगों के मुताबिक चीन ने भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जे की कोशिश से पहले स्थानीय लोगों की पशु चुराना शुरू कर दिया था। इसके अलावा चारागाहों में चरने गए पशुओं पर कुत्ते छोड़कर उन्हें भगाता और इस बीच भारतीय सीमा की ओर कदम बढ़ा देता। लेकिन उस समय कोई यह नहीं समझ पाया कि जिसे चीनी सेनाओं की छोटी-मोटी चोरी या दबंगई समझ रहे थे, वह ऐसी साजिश की तैयारी निकलेगी।
चीन गलवान घाटी या पैंगोंग त्सो में आक्रमकता दिखा रहा है, उसका जाल वो पिछले लंबे समय से बुन रहा था। लद्दाख के डरबोक इलाके लोग तो यही इशारा कर रहे हैं। अगस्त 2019 से मिल रहे थे संकेत
डरबोक के एक निवासी के मुताबिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी और दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में चीन के इरादे के संकेत पिछले साल अगस्त में ही मिलने लगे थे।
एक स्थानीय निवासी ने कहा कि चीनी सेना के लोग उसके दो घोड़े उठाकर ले गए थे। ये घास चर रहे थे, तभी चीनियों ने उन्हें चुरा लिया था। ये जानकारी सेना को भी दी गई तो उन्होंने निवासी को चुप रहने को कहरकर मुआवजे का आश्वास दिया। हालांकि इस निवासी को अब तक मुआवजा नहीं मिला।
पूर्वी लद्दाख के सीमा से सटे लोगों की शिकायत रहती है कि चीनी सेना उनके पशुओं को भारतीय इलाके ही परंपरागत चारागाहों की ओर जाने नहीं देती। ये लोग किसी तरह पहुंच भी जाते हैं तो चाइनीज काफी आक्रमकता के साथ उनपर प्रशिक्षित कुत्ते छोड़कर उन्हें खदेड़कर भगा देते हैं।
2018 में भी पूर्वी लद्दाख के डेमचॉक में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। नयोमा की एक ब्लॉक डेवलपमेंट चेयरपर्सन उगरेन चोडॉन के परिवार के 5 याक अचानक गायब हो गए थे। स्थानीय लोग मानते हैं कि अब भी वो चीनियों के पास हैं।