एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए किसी किसी तरह के पास की जरूरत नहीं होगी। हालांकि केंद्र सरकार ने वाहनों के आवागमन को लेकर अंतिम निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है। इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब जैसे राज्यों ने केंद्र की सलाह का पालन करने का फैसला किया है। नोएडा-गाजियाबाद में बॉर्डर को दोबारा खोले जाने को लेकर योगी सरकार ने फैसला प्रशासन को लेने को कहा था। चूंकि दिल्ली से यहां ज्यादा लोग आते हैं और कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसलिए इन दोनों ही बॉर्डर को अभी सील रखा जाएगा। इस सिलसिले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बैठक की। उन्होंने कहा कि अभी एक हफ्ते के लिए दिल्ली के बॉर्डर भी बंद रखें जाएंगे। जबकि दुकानें आज से खोली गई हैं।
महाराष्ट्र (Maharashtra), तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों में लॉकडाउन 5.0 में प्रतिबंधों को जारी रखा जाएगा। महाराष्ट्र में 30 जून तक के लिए किसी भी निजी वाहन के प्रवेश की अनुमति नहींह मिलेगी। वहीं तमिलनाडु में भी अंतरराज्यीय बस परिवहन, मेट्रो और उपनगरीय ट्रेन सेवाओं पर प्रतिबंध जारी रहेगा। इसके अलावा एक से दूसरे राज्य से आने वाले लोगों के लिए ई-पास (E-Pass) दिखाना जरूरी होगा। इसके बिना प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
पूर्वोत्तर राज्यों जैसे-मेघालय और मिजोरम ने भी सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी। यहां पर अंतरराज्यीय और एक जिले से दूसरे जिले के बीच वाहनों के प्रवेश के लिए पास की जरूरत होगी। बिना अनुमति के यहां 6 जून तक वाहनों पर रोक जारी रहेगी।
पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक परिवहन वाहनों को एक जिले से दूसरे जिले में प्रवेश की अनुमति दे दी है। हालांकि, अंतरराज्यीय बस सेवाओं को दोबारा शुरू करने पर निर्णय नहीं लिया गया है। पंजाब में भी बगैर परमिट के आना-जाना आसान हुआ है। मध्य प्रदेश सरकार ने भी अंतरराज्यीय वाहनों के आवागमन की अनुमति दे दी है। निजी वाहन मालिकों को अब अंतर-राज्यीय यात्रा के लिए ई-पास की जरूरत नहीं होगी।