scriptमानसून से पहले करना होगा टिड्डी दल का सफाया, खरीफ फसल के लिए बन सकता है खतरा | Locust Attack:ICAR Warns To Control It Before Monsoon,It Can Dangerous | Patrika News

मानसून से पहले करना होगा टिड्डी दल का सफाया, खरीफ फसल के लिए बन सकता है खतरा

locationनई दिल्लीPublished: May 28, 2020 03:14:33 pm

Submitted by:

Soma Roy

Locust Attack in India: तेज हवाओं के चलते टिड्डी दल की बढ़ी रफ्तार, मानसून में प्रजनन क्षमता बढ़ने की आशंका
26 साल में टिड्डी दलों का हुआ सबसे बड़ा हमला, खात्मे के लिए 700 से ज्यादा ट्रैक्टरों से छिड़क रहे कीटनाशक

tiddi1.jpg

Locust Attack in India:

नई दिल्ली। पाकिस्तान की सीमा में टिड्डी दलों (Locusts Attack ) ने आतंक मचाने के बाद भारत का रुख किया है। पश्चिमी सीमावर्ती राज्यों से होते हुए ये मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश तक पहुंच चुके हैं। ये रोजाना 100 किमी की रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं। इतनी भारी संख्या में इनके हमले से खरीफ की फसलों को भीषण नुकसान पहुंचने की आशंका है। ऐसे में इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (ICAR) के अधिकारियों ने कहा कि मानसून से पहले इनका सफाया करना बेहद जरूरी है।
(ICAR) के महानिदेशक डॉ. टी महापात्र के अनुसार जून व जुलाई के दौरान मानसून (Monsoon) के आने से उनका प्रजनन बहुत बढ़ जाएगा। इसलिए बारिश से पहले इन्हें खत्म करना जरूरी है। वरना ये खरीफ की फसलों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
तेज हवाओं ने दी टिड्डी दल को रफ्तार
कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार राजस्थान और गुजरात में टिड्डी दलों को खाने के लिए हरी वनस्पतियां नहीं मिली। इस वजह से उनका दल तेजी से आगे बढ़ गया। तेज हवाओं के चलते उनके उड़ने की रफ्तार भी बढ़ गई है। तभी वे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के जिलों तक दिखने लगे हैं।
40 हेक्टेयर फसलों को नुकसान
बताया जाता है कि अभी तक इन टिड्डी दलों ने 40 हजार हेक्टेयर से ज्यादा खेतों पर हमला किया है। वैसे इनका कोई असर रबी सीजन पर नहीं पड़ा। इसलिए गेहूूं दलहन और तिलहन वाले फसल बच गए। क्योंकि इनकी कटाई हो गई थी। मगर नई फसलों को ये नुकसान पहुंचा रहे हैं। इनके खात्मे के लिए 700 से अधिक ट्रैक्टरों को कीटनाशकों के छिड़काव के लिए लगाया गया है।
26 साल में पहली बार हुआ सबसे तेज हमला
एक्सपर्ट्स के मुताबिक पिछले 26 साल में टिड्डी दलों का यह सबसे तेज हमला है। भारत में टिड्डी दलों के नियंत्रण के लिए पहले से ही मुख्यालय है। दुनिया के सबसे प्राचीन कीट पतंगों में शुमार टिड्डी दलों ने भारत में इस साल अफ्रीकी देशों से चलकर यमन, ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान होते हुए प्रवेश किया है। लोकस्ट वॉर्निंग ऑर्गनाइजेशन (एलडब्ल्यूओ) के अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी राज्यों में सक्रिय टिड्डी दलों का सफाया जल्दी ही कर लिया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो