नियम 267 के तहत चर्चा की उठी मांग
बुधवार को भोजनावकाश के बाद उप सभापति पी जे कुरियन ने जैसे ही कार्यवाही शुरू करनी चाही तो कांग्रेस , तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक और तेलुगु देशम के सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। कुरियन ने कहा कि वह बैंक घोटाले के मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा शुरू कराने को तैयार हैं लेकिन कांग्रेस का कहना था कि इस पर नियम 267 के तहत चर्चा कराई जानी चाहिए। इस पर कुरियन नहीं माने और उन्होंने अल्पकालिक चर्चा शुरू कराने की बात कही। इस बीच आसन के निकट मौजूद सदस्यों ने हंगामा जारी रखा।
बुधवार को भोजनावकाश के बाद उप सभापति पी जे कुरियन ने जैसे ही कार्यवाही शुरू करनी चाही तो कांग्रेस , तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक और तेलुगु देशम के सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। कुरियन ने कहा कि वह बैंक घोटाले के मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा शुरू कराने को तैयार हैं लेकिन कांग्रेस का कहना था कि इस पर नियम 267 के तहत चर्चा कराई जानी चाहिए। इस पर कुरियन नहीं माने और उन्होंने अल्पकालिक चर्चा शुरू कराने की बात कही। इस बीच आसन के निकट मौजूद सदस्यों ने हंगामा जारी रखा।
सरकार ने विपक्ष पर फोड़ा ठीकरा
संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने भी कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्षी सदस्य अपनी बात पर अड़े रहे । सदन में अव्यवस्था का माहौल देखते हुए श्री कुरियन ने दो मिनट में ही कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने भी कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्षी सदस्य अपनी बात पर अड़े रहे । सदन में अव्यवस्था का माहौल देखते हुए श्री कुरियन ने दो मिनट में ही कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
विपक्ष का गुस्सा देख डर गई केंद्र सरकार, संसद में पहली बार हुआ इतना हंगामा, देखें VIDEO एक मिनट की कार्यवाही पर ढाई लाख खर्च
आमतौर पर राज्यसभा में एक दिन में पांच घंटे और लोकसभा में छह घंटे काम होता है, यानि दोनों को मिलाकर कुल 11 घंटे कामकाज होता है। संसद सत्र के प्रत्येक मिनट की कार्यवाही पर करीब ढाई लाख रुपए खर्च होते हैं। इस हिसाब से 11 घंटे पर कुल खर्च 16 करोड़ 50 लाख रुपए बनता है।
आमतौर पर राज्यसभा में एक दिन में पांच घंटे और लोकसभा में छह घंटे काम होता है, यानि दोनों को मिलाकर कुल 11 घंटे कामकाज होता है। संसद सत्र के प्रत्येक मिनट की कार्यवाही पर करीब ढाई लाख रुपए खर्च होते हैं। इस हिसाब से 11 घंटे पर कुल खर्च 16 करोड़ 50 लाख रुपए बनता है।
तीन दिन में 30 करोड़ स्वाहा
अब अगर बीते तीन दिन की बात करें तो राज्यसभा में काम काज के कुल 15 घंटे बर्बाद हुए हैं। इस हिसाब से 22 करोड़ 50 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। इसमें बुधवार की कार्यवाही का स्थगन भी शामिल है। यानि कुल मिलाकर 30 करोड़ रुपए स्वाहा हो गए। बर्बाद हुआ ये पैसा सरकार का नहीं बल्कि जनता के टैक्स का पैसा होता है।
अब अगर बीते तीन दिन की बात करें तो राज्यसभा में काम काज के कुल 15 घंटे बर्बाद हुए हैं। इस हिसाब से 22 करोड़ 50 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। इसमें बुधवार की कार्यवाही का स्थगन भी शामिल है। यानि कुल मिलाकर 30 करोड़ रुपए स्वाहा हो गए। बर्बाद हुआ ये पैसा सरकार का नहीं बल्कि जनता के टैक्स का पैसा होता है।