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सबरीमला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विरोध-प्रदर्शन जारी, भक्तों ने किया पैदल मार्च

locationनई दिल्लीPublished: Oct 10, 2018 01:50:35 pm

Submitted by:

Prashant Jha

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश करने की अनुमति प्रदान कर दी है।

sabrimala temple

सबरीमला मंदिर पर सुप्रीम फैसले के बाद विरोध-प्रदर्शन जारी, भक्तों ने किया पैदल मार्च

तिरुवनंतपुरम: सबरीमला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। भगवान अय्यप्पा के भक्तों ने पैदल मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। वहीं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी मार्च का समर्थन किया। लीग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ऊपर सवाल उठाया। गौरतलब है कि पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी की महिला विंग ने तिरुवनंतपुरम में सबरीमला मंदिर के फैसले पर विरोध प्रदर्शन किया। महिला विंग का कहना है कि कोर्ट या सरकार के निर्धारित नहीं कर सकती की भक्तों के लिए क्या अच्छा है और क्या बूरा। बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश में लगी रोक को हटा दिया था और मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी है।

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धर्म, जिन्दगी जीने का तरीका-सुप्रीम कोर्ट

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया। शीर्ष अदालत ने सभी उम्र वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी। महिलाओं के प्रवेश को लेकर दायर की गई कई याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने मंदिर में जाने की इजाजत दी। फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा था कि सबरीमाला के नियम संविधान, के अनुच्छेद 14 और 25 का उल्लंघन करते हैं। महिलाएं पुरुषों से किसी भी मामले में कम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म, जिन्दगी जीने का तरीका है।
पांच सदस्यीय पीठ ने सुनाया फैसला

इस मामले में जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर एफ नरीमन, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की पीठ ने पहले कहा था कि महिलाओं को प्रवेश से अलग रखने पर रोक लगाने वाले संवैधानिक प्रावधान का ‘उज्ज्वल लोकतंत्र’ में ‘कुछ मूल्य’ हैं।

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