सात साल पुराने मामले में मधु कोड़ा बरी रांची कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत ने सात साल पुराने इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई की। इस मामले में अभियोजन की ओर सिर्फ तीन गवाही दर्ज करवायी गयी। लेकिन, ठोस सबूत नहीं मिलने के कारण कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। गौरतलब है कि झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा साल 2011 में आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद थे। उसी दौरान 31 अक्तूबर 2011 को उन्होंने जेल में लगातार मिल रहे खराब खाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और सुरक्षा घेरा को तोड़ते हुए वाच टावर के समीप पहुंच गये। जहां अन्य बंदियों के बीच झड़प एवं मारपीट हुई थी।
जेल में कैदियों के साथ मारपीट करने का आरोप एक नवंबर, 2011 को इस मामले में बंदी राजू तांती ने सदर थाने में मधु कोड़ा, एनोस एक्का, हरिनारायण राय, सावना लकड़ा एवं डॉ. प्रदीप कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी थी। इसी मामले में मधु कोड़ा ने भी जेल प्रशासन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी थी। आपको बता दें कि इस घटना में मधु कोड़ा का हाथ टूट गया था। सात साल बाद इस केस में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। बीच में कई बार सुनवाई हुई, कई सबूत और गवाह पेश किए गए। लेकिन, मामला लंबित रहा है। लेकिन, आज कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए मधु कोड़ा को बरी कर दिया है।