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सरकारी दफ्तर, निजी कंपनियों, स्कूल में भी गूंजे वंदे मातरम: मद्रास HC

Published: Jul 26, 2017 09:51:00 am

Submitted by:

ललित fulara

मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में सप्ताह में कम से कम से कम एक दिन वंदे मातरम का गायन आवश्यक रूप से किया जाए।

Madras High Court

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नई दिल्ली। मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में सप्ताह में कम से कम से कम एक दिन वंदे मातरम का गायन आवश्यक रूप से किया जाए। इसके लिए हाईकोर्ट ने सोमवार या शुक्रवार का दिन निर्धारित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकारी दफ्तरों, संस्थानों, निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों और औद्योगिक संस्थानों में भी कम से कम महीने में एक बार वंदे मातरम का गायन करने को कहा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यदि कोई वंदे मातरम नहीं गाने का उपयुक्त कारण बताता है तो उस पर इसका गायन करने के लिए दबाव नहीं बनाया जा सकता है। 


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वंदे मातरम तमिल और अंग्रेजी प्रारूप उपलब्ध कराने के निर्देश
अपने आदेश में हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के सूचना विभाग के निदेशक को सभी विभागों को वंदे मातरम का तमिल और अंग्रेजी प्रारूप उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बता दें कि वंदे मातरम का गायन सभी शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।


वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत बनाने से इंकार कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी 2017 को वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत घोषित करने से इंकार कर दिया था। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस मोहन एम शांतानोगोर की पीठ ने सुनवाई के बाद अश्विनी उपाध्याय की याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम राष्ट्रीय गीत को लेकर चल रही बहस का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। 


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