दरअसल पिछले कुछ दिनों से लगातार मराठा संगठन सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। एक महीने के अंदर ये दूसरी बार बंद का ऐलान किया गया है। पिछले महीने जिस तरह से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में आरक्षण की मांग को प्रदेशभर में प्रदर्शन किए गए उससे सरकार और प्रशासन दोनों सकते में हैं। खास तौर पर आर्थिक राजधानी में हुई आग जनी की घटनाओं और तोड़फोड़ के चलते सरकार पर इस आंदोलन और बंद को लेकर काफी दबाव है। आज होने वाले महाराष्ट्र बंद को लेकर भी सरकार के सामने चुनौती है कि वो कानून व्यवस्था को कायम रखे।
सुबह 8.30 बजे तक नहीं दिखा बंद का असर
हालांकि सुबह बंद का कोई खास असर प्रदेश के कई इलाकों में देखने को नहीं मिला। खास तौर पर माया नगरी में गुरुवार की सुबह भी आम सुबह की तरह की दिखाई दी। लेकिन प्रशासन सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह मुस्तैद दिखाई दिया।
मराठा क्रांति मोर्चा के अलावा अन्य मराठा संगठनों ने भी महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों और मुंबई में बंद का ऐलान किया है। हालांकि नवी मुंबई और थाणे में यह बंद नहीं होगा।
सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर किए जा रहे मराठा संगठनों के बंद के ऐलान को मुस्लिम संगठनों ने भी समर्थन दिया है। मुस्लिम संगठनों महाराष्ट्र मुस्लिम एकता परिषद और जमाएत उलमा ए महाराष्ट्र ने इस बंद के साथ हैं।
बंद को देखते हुए तमाम संवेदनशील इलाको में आरएएफ की छह कंपनियां और सीआईएसएफ, राज्य रिजर्व पुलिस की एक-एक कंपनी को तैनात कर दिया गया है। तमाम जगहों पर पुलिस की मदद के लिए होमगार्ड को भी तैनात किया गया है। किसी भी जगह पर प्रदर्शनकारी कानून को अपने हाथ पर ना लेने पाएं इसके पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह शांति बनाए रखें।