रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के कुल मामलों में से 31-50 उम्र के आधे कोरोना मरीज हैं। वहीं, सबसे अधिक 31-40 उम्र वर्ग के लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। राज्य के 122 कोरोना मरीजों के विश्लेषण से यह बात सामने आई है। मेडिकल एजुकेशन एंड ड्रग विभाग की एक अध्ययन में कहा गया है कि 122 मरीजों में से 33 मरीजों की उम्र 31 से 40 साल के बीच है। जबकि, 21 से 30 और 41 से 50 उम्र के मरीजों की संख्या 24-24 है। वहीं, 51 से 80 साल के मरीजों की संख्या 31 और 1 से 20 साल के मरीजों की कुल संख्या 10 है।
वहीं, महाराष्ट्र में मरीजों की बात करें तो 69 प्रतिशत पुरुष और 31 प्रतिशत महिलाएं इस वायरस के शिकार हैं। इनमें 54 फीसदी मरीज हाल ही में किसी न किसी देश की यात्रा से लौटे हैं। गुरुवार शाम तक राज्यभर में कोरोना वायरस के 3156 सैंपल टेस्ट किए गाए। इनमें से 125 यानी 4 प्रतिशत सैम्पल पॉजिटिव पाए गए हैं। पूरे मामले पर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि महामारी के 8वें हफ्ते में हमारे यहां 600 से ज्यादा पॉजिटिव मामले थे, लेकिन दूसरे देशों का अनुभव बताता है कि यही वह वक्त है जब कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ते हैं। यहां आपको बता दें कि महाराष्ट्र में स्थिति बेहद भयावह है।
झुग्गी-झोपड़ी और चॉल तक पहुंचा कोरोना वायरस महाराष्ट्र की स्थिति का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि मुंबई के यहां से परेल की एक चॉल में रहने वाले एक 65 वर्षीय, कलिना के जम्बलिपाडा स्लम के 37 वर्षीय व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव मिला। इसके अलावा घाटकोपर में झुग्गी झोपड़ी के एक 25 साल का व्यक्ति और उसी झुग्गी की 68 साल की महिला भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। परेल में जिस 65 साल की महिला को कोरोना पॉजिटिव आया वह प्रभादेवी में एक खाने का मेस चलाती है। बीएमसी के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती है कि हर किसी को ट्रैक कर सके। हालांकि, अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि मेस में किस-किस ने खाना खाया है। अब बीएमसी के लिए यह बडी़ चुनौती बन गई है कि लॉकडाउन के दौरान इन चारों के संपर्क में जो-जो आए हैं उसे कैसे ढूंढा जाए। साथ ही इन स्लम एरियाओं में सोशल डिस्टेंसिंग किस तरह मेंटेन होगा?