इस मुद्दे पर नवाब मलिक का कहना है कि मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल ( Lokmanya Tilak Terminal ) से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बारे में रेल मंत्री पीयूष गोयल का दावा गलत है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पिछले दो दिन से रेल मंत्री राजनीति कर रहे हैं। 49 ट्रेनें लोकमान्य तिलक टर्मिनस ( LTT ) से छूटेंगी, कहकर उन्होंने अलॉट किया।
Unfortunate : रास्ते में भटकी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, सूरत से सीवान पहुंचने में 2 की जगह लगे 9 दिन दूसरी तरफ रेलवे के डीआरएम कह रहे हैं कि 16 ट्रेन से ज्यादा हम छोड़ नहीं सकते। 49 ट्रेनों के पैसेंजर वहां पर जुटे हुए हैं। रेलवे ट्रेन छोड़ने के लिए तैयार नहीं।
स्पेशल ट्रेन पर राजनीति सही नहीं पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र की सरकार और रेल विभाग राजनीति कर रहा है। हमें लगता है कि यह उचित नहीं है। लोकमान्य तिलक टर्मिनल पर जो परिस्थितियां बनी हैं वो पीयूष गोयल जी की वजह से हुई हैं। हम आपसे कहते हैं कि 49 ट्रेनें आपने दी हैं, 49 की 49 चलाओ। पैसेंजर आकर खड़े हैं, भीड़ बढ़ रही है। जो परिस्थिति बन रही है इसकी सारी जिम्मेदारी पीयूष गोयल जी की है।
Coronavirus : भारत में पिछले 24 घंटे में करीब 7000 नए मामले आए सामने, 150 की मौत गोरखपुर जानी वाली ट्रेन ओडिशा न पहुंचे दूसरी तरफ रेल मंत्री पीयूष गोयल ( Railway Minister Piyush Goel ) के ट्वीट का जवाब देते हुए शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने लिखा कि महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे मंत्रालय को अपेक्षित गाड़ियों की सूची दी है। पीयूष जी से सिर्फ विनती यही है कि ट्रेन जिस स्टेशन पर पहुंचनी चाहिए उसी स्टेशन पर पहुंचे। गोरखपुर के लिए जाने वाली ट्रेन ओडिशा न पहुंच जाए।
पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में 145 ट्रेन खड़ी हैं। उनके लिए यात्री नही हैं। महाराष्ट्र की राज्य सरकार पैसेंजर नही ला पा रही हैं। उनकी व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि गाड़ियां खाली खड़ी हैं, नही तो लाखों और लोगों को उनके घर पहुंचा सकते थे।
पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार ने जितनी ट्रेन मांगी, उतनी हमने उन्हें दी, लेकिन ट्रेनें वहां से बिना यात्रियों के लौटी क्योंकि वे पैसेंजर ही नहीं ला पाए। महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे से 145 ट्रेन मांगी, हमने पूरी रात समीक्षा कर के योजना बनाकर 145 ट्रेन महाराष्ट्र पहुंचाई।
इसके साथ ही गोयल ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों की कठिनाइयों का राजनीतिकरण करने की कोशिश की है। भारतीय रेल प्रवासी मजदूरों को उनके घर परिवार के पास पहुंचाने के लिए दिन-रात सेवा में जुटी है।
उद्धव ठाकरे के ट्वीट से हुई थी घमासान की शुरुआत दरअसल, श्रमिक स्पेशल ट्रेन को लेकर विवाद की शुरुआत रविवार को हुई थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार पर्याप्त श्रमिक स्पेशल ट्रेनें नहीं चला रही हैं। हमारे पास मजदूरों की लिस्ट पहले से तैयार है, जिन्हें घर जाना है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसका जवाब ट्वीट से ही दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उद्धव जी, आशा है आप स्वस्थ हैं। आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभेच्छा। कल हम महाराष्ट्र से 125 श्रमिक स्पेशल ट्रेन देने के लिए तैयार हैं।
अपने जानकारी दी है कि आपके पास श्रमिकों की लिस्ट तैयार है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि सभी निर्धारित जानकारी जैसे, कहां से ट्रेन चलेगी, यात्रियों की ट्रेनों के हिसाब से सूची, उनका मेडिकल सर्टिफिकेट और कहां ट्रेन जानी है, यह सब सूचना अगले एक घंटे में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पहुंचाने की कृपा करें, जिससे हम ट्रेनों की योजना समय पर कर सकें।