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#संसदकेस्टार: ‘अपनी बात मजबूती से रखी, विरोध के बाद भी अडिग’

locationनई दिल्लीPublished: Aug 25, 2019 07:34:18 pm

Submitted by:

Prashant Jha

पहली बार तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचीं महुआ मोइत्रा
प. बंगाल के कृष्णानगर संसदीय क्षेत्र से चुनकर आती हैं महुआ मोइत्रा

 

Mahua Moitra

#संसदकेस्टार: अपनी बात मजबूती से रखी, विरोध के बाद भी अडिग- मोइत्रा

नई दिल्ली। पहली बार सांसद बनी तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने जब लोकसभा में पहला भाषण दिया तभी वे विपक्ष की जोरदार आवाज बन गईं। महुआ ने लोगों की वाहवाही लूटी, साथ ही उनके पहले भाषण ने उन्हें विवाद के घेरे में भी ले लिया। 44 साल की महुआ लोकसभा सांसद बनने से पहले पश्चिम बंगाल में विधानसभा सदस्य थीं। 15 साल की उम्र में ही पढ़ाई करने के लिए वह ब्रिटेन चली गई थीं। बंगाली परिवार में पैदा हुई महुआ ने अपने कॅरियर की शुरुआत इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में की थी। न्यूयॉर्क और लंदन में नौकरी करने के बाद महुआ 2008 में भारत वापस आ गई थीं।

जनता की आवाज उठाएंगे

महुआ अपने बयानों को लेकर स्पष्ट राय रखती हैं। सदन में जब-जब उन्होंने भाषण दिया, तब-तब अपने वक्तव्यों को लेकर उन्होंने सफाई भी दी। महुआ कहती हैं कि जब हम विपक्ष में बैठे हैं तो जनता की आवाज भी तो हम ही उठाएंगे। महुआ कहती हैं कि आज धर्म के नाम पर जो कुछ हो रहा है, उसका संविधान में कहीं कोई जिक्र नहीं है।

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कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत

महुआ ने 2009 में राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की। तब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के समर्थकों द्वारा बनाई गई टीम ‘आम आदमी के सिपाही’ योजना की वह मुख्य सदस्य रहीं। हालांकि कांग्रेस में उनकी राजनीतिक पारी ज्यादा दिन तक नहीं चली और उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। जिंदादिली व ओजस्वी भाषण के कारण पार्टी में उनकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई। 2016 में वह प. बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में महुआ ने भाजपा के कल्याण चौबे को 63 हजार से अधिक मतों से हराया। महुआ तृणमूल कांग्रेस की प्रवक्ता भी हैं।

पहले भाषण पर हुआ था विवाद

17वीं लोकसभा के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जब धन्यवाद ज्ञापन दिया जा रहा था, तब महुआ ने अपने पहले भाषण में ‘फासीवाद के सात लक्षणों’ का जिक्र करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि सरकार देश को फासीवाद की तरफ ले जा रही है और राष्ट्रवाद के नाम पर देश को बांटा जा रहा है। महुआ के इस भाषण को चोरी का बताते हुए उन पर मुकदमा भी दर्ज हुआ। लेकिन वह इन आरोपों को खारिज करते हुए कहती हैं, उनका भाषण २०१७ में यूनाइटेड स्टेट्स होलोकास्ट मेमोरियल म्यूजियम में रखे गए एक पोस्टर से प्रेरित था। उन्होंने भाषण के अंत में इसका उल्लेख किया था।

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दूसरी बार भी सरकार को घेरा

सदन में जब दूसरी बार महुआ मोइत्रा ने भाषण दिया, तब भी उन्होंने सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। महुआ ने विधि-विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष का हवाला देते हुए कहा कि अगर सरकार की बात मानो तो भगवान और नहीं मानो तो आपको शैतान करार दिया जाएगा। सदन में जब महुआ अपना भाषण दे रही थीं, तब भाजपा सांसदों ने जमकर विरोध किया लेकिन महुआ मोइत्रा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि भले ही सत्तापक्ष के पास 353 सांसद हैं लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

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