लड़की ने कई सबूत दिए लांबा के अनुसार लड़की की बात पर पहले उन्हें बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ था। मगर लड़की ने उन्हें गलत साबित करते हुए कई सबूत दे डाले। उसने जोधपुर से लगभग 38 किलोमीटर दूर आसाराम के मणई गांव स्थित आश्रम का एकदम सटीक नक्शा बताया। यहां उसका शोषण किया गया था। तब उन्हें लगा कि लड़की के साथ कुछ गलत हुआ है। वहां से उन्होंने जांच शुरू की। बाद में मेरठ के एक परिवार ने भी स्थानीय पुलिस से आसाराम के खिलाफ ऐसी ही शिकायत की थी। जब वे उस परिवार से मिलने गए तब परिवार ने शिकायत करने से इनकार कर दिया। इस पर उनका शक और गहरा हो गया।
ऐसे कसा आसाराम पर शिकंजा लांबा के अनुसार उन्हें काफी दिनों तक आसाराम के बारे में कुछ पता नहीं चल सकता था। इस दौरान पांच पुलिस अफसरों और छह कमांडो की एक टीम को इंदौर स्थित आश्रम भेजा गया। तभी जोधपुर में हमने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कहा था कि आसाराम हमारे रेडार पर है। इस पर भड़के आसाराम भोपाल एयरपोर्ट पर पहुंचे। यह बात हमने मीडियाकर्मियों को बता दी। इस दौरान आसाराम अपने इंदौर स्थित आश्रम में पहुंच गए लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि हमारी टीम भी शहर में है।
जान से मारने की मिली थी धमकी पुलिस जांच के दौरान उन्हें कई बार धमकी भरे पत्र दिए गए थे। लांबा के अनुसार के आसाराम और उनके अनुयायियों ने पुलिसवालों को लालच देने की कोशिश की और न मानने पर जान से मारने की धमकी भी दी। लांबा के अनुसार उन्हें कम से कम 1600 ऐसे खत मिले जिनमें लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी।