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जानिए, भारत में पिछले 10 सालों में हुए बड़े हादसों के बारे में

Published: Apr 10, 2016 04:06:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

केरल के पुत्तिंगल मंदिर में हुए हादसे की तरह भारत में पिछले 10 सालों में कई ऐसे ही भयावह हादसे हुए लेकिन न हमने सबक ली न ही रहनुमाओं ने इसको लेकर कड़े कदम उठाएं

fire at Puttingal temple 06

fire at Puttingal temple 06

नई दिल्ली। ये पहला मौका नहीं है जब भारत में ऐसा हादसा हुआ हो। इससे पहले भी ऐसे ही कई भयानक और दर्दनाक हादसे भारत में होते रहे हैं। हम आज तक पहले हुई घटनाओं से सबक नहीं ले पाए यही वजह है कि आज फिर एक भयानक हादसा घटा और सैकड़ों जाने गई। हादसों से सबक लेना गलतियों को सुधारना न हमारे में फितरत है और न ही सरकार ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सजग है।

केरल के पुत्तिंगल मंदिर में हुए हादसे की तरह भारत में पिछले 10 सालों में कई ऐसे ही भयावह हादसे हुए, लेकिन न हमने सबक लिया न ही रहनुमाओं ने इसको लेकर कड़े कदम उठाएं। हम आपको बता रहे हैं भारत के मंदिरों और पूजन स्थलों पर 2005 से हुए ऐसे ही कुछ बड़े हादसों के बारे मेंः-

10 अगस्त 2015

सावन के पवित्र महीने में झारखंड के देवघर में स्थित इस मंदिर में पूजा करने वाले बड़ी संख्या में आते हैं। पिछले साल मंदिर में हुए हादसों में 11 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

14 जुलाई 2015


आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी जिले में गोदावरी पुष्कारालू के दौरान हुए हादसे में 22 लोगों की जान गई थी, जिसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थी।

3 अक्टूबर 2014

पटना के गांधी मैदान में दशहरा के दिन रावण दहन के दौरान मची अफरातफरी में 32 लोगों की जान चली गई।

18 जनवरी 2014


बोहरा समाज के धर्मगुरु के घर पर इकठ्ठा हुए लोगों में अचानक भगदड़ होने से लगभग 18 लोग मौत के शिकार हो गए।

13 अक्टूबर 2013


मध्य प्रदेश के दतिया जिले में नवरात्र पूजन के दौरान रतनगढ़ मंदिर जा रहे लोग जिस ब्रिज से होकर जा रहे थे उसके टूटने से मचे भगदड़ के कारण लगभग 89 लोगों की जाने चली गई और सैकड़ों घायल हुए।

10 फरवरी 2013

कुंभ मेले के दौरान इलाहाबाद स्टेशन पर अत्यधिक भीड़ होने के कारण मचे अफरातफरी में 36 लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे।

19 नवंबर 2012

छठ पूजा के दौरान पटना में हुए हादसे में 20 लोगों को मौत हो गई थी।

8 नवंबर 2011


हरिद्वार में गंगा घाट हर की पौड़ी पर हुए हादसे में 22 लोगों की जानें गई।

14 जनवरी 2011


केरल के सबरीमाला मंदिर में हुए भगदड़ में 106 लोगों की जानें गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए।

4 मार्च 2010


अपने आप को भगवान बताने वाले एक बाबा द्वारा प्रतापगढ़ के राम जानकी मंदिर में लोगों को फ्री में कपड़े बांटने के इस कार्यक्रम में मचे हंगामे में 63 लोगों की मौत हुई।

30 सितंबर 2008

राजस्थान के जोधपुर के चामुंडा देवी मंदिर में नवरात्र के दौरान हुए इस हादसे में 120 लोगों की जान गई थी और लगभग 200 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। यह मंदिर पहाड़ पर स्थित है इसलिए यह हादसा और भयावह हो गया।

3 अगस्त 2006

हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में हुए हादसे में लगभग 150 लोगों की जान गई थी और 400 से ज्यादा लोग इस हादसे में बुरी तरह घायल हुए थे।

26 जनवरी 2005


महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक धार्मिक मेले के दौरान हुए हादसे में 350 लोगों की जान गई और 200 से ज्यादा घायल हुए।
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